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IPL 2020 : चौथी बार चैंपियन बनने का लक्ष्य लेकर उतरेगी चेन्नई सुपर किंग्स

साल 2008 में इंडियन प्रीमियर लीग (IPL) की शुरुआत होने के बाद से अब तक चेन्नई सुपर किंग्स (Chennai Super Kings) टीम में काफी निरंतरता रही है।

Chennai Super Kings

नई दिल्ली। साल 2008 में इंडियन प्रीमियर लीग (IPL) की शुरुआत होने के बाद से अब तक चेन्नई सुपर किंग्स (Chennai Super Kings) टीम में काफी निरंतरता रही है। टीम ने आईपीएल के इतिहास में अब तक तीन बार ट्रॉफी अपने नाम की है जबकि आठ बार फाइनल में पहुंची है। भारत के विश्व विजेता पूर्व कप्तान महेंद्र सिंह धोनी (Mahendra Singh Dhoni) की कप्तानी में चेन्नई सुपर किंग्स की टीम अपने प्रतिद्वंद्वियों के लिए हमेशा से मुश्किलें खड़ी करती रही है।

लीग के इस 13वें सीजन में सभी की नजरें धोनी पर होंगी, जिन्होंने पिछले महीने ही अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट को अलविदा कहा था। धोनी एक साल से भी ज्यादा समय के बाद क्रिकेट के मैदान पर उतरेंगे। उन्होंने अपना पिछला मैच 2019 विश्व कप में न्यूजीलैंड के खिलाफ खेले गए सेमीफाइनल मैच में खेला था। लेकिन अब फैन धोनी के हेलीकॉप्टर शॉट को देखने का बेसब्री से इंतजार कर रहे हैं।

वेस्टइंडीज के आलराउंडर और चेन्नई सुपर किंग्स के स्टार खिलाड़ी ड्वायन ब्रावो ने हाल में कहा था कि धोनी इस टीम में भी बदलाव को उसी तरह संभालेंगे जिस तरह से उन्होंने भारतीय टीम में संभाला था। ब्रावो के अनुसार, धोनी पर चेन्नई की कप्तानी करते हुए भारतीय टीम की कप्तानी की तुलना में कम दबाव होगा।

मीडिया ने जब ब्रावो से हाल में धोनी के उत्तराधिकारी के बारे में पूछा तो उन्होंने कहा था, मुझे पता है कि यह कुछ समय से दिमाग में चल रहा होगा। मेरा मतलब है कि एक समय पर हमें सभी को अलग होना पड़ेगा। यह इस बात पर निर्भर करता है कि आप कब पीछे हटते हो और इसे किसे संभालने को देते हो। यह रैना हों या कोई युवा। लीग के इस सीजन का पहला मैच मौजूदा विजेता मुंबई इंडियंस (Mumbai Indians) और चेन्नई सुपर किंग्स (Chennai Super Kings) के बीच 19 सितंबर को अबु धाबी में खेला जाएगा। कोविड-19 के कारण इस बार आईपीएल संयुक्त अरब अमीरात (UAE) में 19 सितंबर से खेला जाएगा। चेन्नई की नजरें चौथी बार चैंपियन बनने और सर्वाधिक बार खिताब जीतने के मुंबई इंडियंस के रिकॉर्ड की बराबरी करने पर लगी हुई है।

चेन्नई सुपर किंग्स की ताकत :

धोनी चेन्नई के सबसे मजबूत कड़ी होंगे क्योंकि वह लंबे समस से टीम का हिस्सा हैं। उन्हें अपने खिलाड़ियों से सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन निकालने का श्रेय दिया जाता है और यह गुणवत्ता एक बार फिर सीएसके को 10 नवंबर को ट्रॉफी उठाते हुए देख सकती है। यूएई में स्पिन के अनुकूल परिस्थितियों को ध्यान में रखते हुए, धोनी के पास इमरान ताहिर, रवींद्र जडेजा, मिशेल सेंटनर और पीयूष चावला के रूप में विश्व स्तर के गेंदबाज होंगे। बल्लेबाजी में उनके पास फाफ डु प्लेसिस, अंबाती रायडू, शेन वॉटसन और ब्रावो का अनुभव है जो अपने दम पर मैच जिताने का माददा रखते हैं।

कमजोरी :

सीएसके ने हमेशा से ठोस शुरूआत पर भरोसा किया है। इसके बाद सुरेश रैना ने नंबर 3 पर लगातार अच्छा प्रदर्शन करते आ रहे थे। लेकिन इस बार रैना स्वदेश लौट आए हैं और वह इस सीजन में नहीं खेलेंगे। ऐसे में किसी और के पास रैना की कमी को पूरा करने की जिम्मेदारी होगी। इसी तरह, अनुभवी स्पिनर हरभजन सिंह भी इस सीजन में नहीं खेलेंगे, जिससे टीम का संतुलन थोड़ा प्रभावित होगा। वह न केवल विकेट लेने वाले गेंदबाज है, बल्कि बल्ले से कुछ अच्छे शॉट मार सकते हैं। दूसरी बात जो सीएसके को चिंता होगी, वह है धोनी, शेन वॉटसन और अंबाती रायुडू जैसे उनके सीनियर बल्लेबाजों के मैच अभ्यास की कमी।

टीम :

महेंद्र सिंह धोनी (कप्तान/ विकेटकीपर), ड्वायन ब्रावो, फाफ डु प्लेसिस, शेन वॉटसन, रवींद्र जडेजा, अंबाती रायडू, पीयूष चावला, केदार जाधव, कर्ण शर्मा, इमरान ताहिर, दीपक चाहर, शार्दुल ठाकुर, लुंगी एनगिदी। मिशेल सेंटनर, सैम कुरैन, मुरली विजय, जोश हेजलवुड, रुतुराज गायकवाड़, जगदीसन एन (विकेटकीपर), केएम आसिफ, मोनू कुमार, आर साई किशोर।

सपोर्ट स्टाफ : स्टीफन फ्लेमिंग (मुख्य कोच), माइकल हसी (बल्लेबाजी कोच), लक्ष्मीपति बालाजी (गेंदबाजी कोच), एरिक सीमन्स (गेंदबाजी सलाहकार), राजीव कुमार (फील्डिंग कोच), टॉमी सिमसेक (फिजियोथेरेपिस्ट), ग्रेगरी किंग (ट्रेनर), आर रसेल (टीम मैनेजर), लक्ष्मी नारायण (प्रदर्शन विश्लेषक), संजय नटराजन (लॉजिस्टिक्स मैनेजर)।

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