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मीराबाई चानू के मेडल जीतने पर मणिपुर CM ने की वीडियो कॉल से बात, कहा- आपके लिए मेरे पास एक सरप्राइज है

N Biren Singh Mirabai Chanu

नई दिल्ली। देश के लिए 24 जुलाई 2021 सबसे ऐतिहासिक दिनों में गिना जाएगा। ऐसा इसलिए क्योंकि टोक्यो ओलंपिक (Tokyo Olympics) में भारत की बेटी मीराबाई चानू (Mirabai Chanu) ने इसी तारीख को बड़ा इतिहास रचते हुए देश का सम्मान बढ़ाया है। बता दें कि शनिवार को मीराबाई चानू ने भारत को टोक्यो ओलंपिक में पहला पदक दिलाया है। मीराबाई ने 49 किग्रा वर्ग में दूसरा स्थान हासिल किया। खास बात ये है कि उन्होंने ओलंपिक के महिला वेटलिफ्टिंग में 21 साल के पदक को सूखे को खत्म किया है। मीराबाई भरोत्तोलन में पदक जीतने वाली भारत की दूसरी महिला हैं। इससे पहले 2000 के सिडनी ओलंपिक में कर्णम मल्लेश्वरी ने कांस्य पदक जीता था। इस मौके पर मीराबाई चानू ने अपनी पहली प्रतिक्रिया देते हुए कहा, मैं बहुत खुश हूं, पिछले पांच साल से यही सपना देख रही थी। वहीं राष्ट्रपति राम नाथ कोविंद, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, गृहमंत्री अमित शाह, केंद्रीय खेल मंत्री अनुराग सिंह ठाकुर, कांग्रेस नेता राहुल गांधी, कानून और न्याय मंत्री किरेन रिजिजू, क्रिकेट आइकन सचिन तेंदुलकर और कई अन्य ने टोक्यो में उत्कृष्ट प्रदर्शन के लिए स्टार लिफ्टर को बधाई दी है।

इसके अलावा मणिपुर के मुख्यमंत्री एन. बीरेन सिंह ने चानू से वीडियो कॉल पर बात कर उन्हें बधाई दी। इस दौरान चानू का चेहरा गर्व से चमकता दिखा। बातचीत में एन बीरेन सिंह और चानू ने भारत माता की जय और मणिपुर माता की जय के नारे भी लगाए। बता दें कि इसका एक वीडियो भी सामने आया है। जिसमें मणिपुर सीएम चानू को ओलंपिक में सिल्वर मेडल से भारत का खाता खोलने के लिए तारीफ कर रहे हैं। एन बीरेन सिंह ने चानू द्वारा मेडल जीतने पर देश में फैली खुशी की लहर को उनसे शेयर किया। उन्होंने कहा कि, यह भारत के लिए एक गौरवान्वित क्षण है। जिसपर चानू ने उन्हेें धन्यवाद कहा।

इस बातचीत में एन बीरेन सिंह ने मीराबाई चानू को राज्य सरकार की तरफ से एक करोड़ रुपये दिए जाने की बात कही। चानू ने कहा कि, “मेरे लिए मणिपुर और पूरे देश ने प्रार्थना की, जिसके कारण मैं देश के लिए सिल्वर मेडल जीत सकी।” उन्होंने कहा कि आज मैं बहुत खुश हूं।” उन्होंने विशेष तौर पर मणिपुर के लोगों को अपना समर्थन देने के लिए धन्यवाद कहा।

परिवार में खुशी की लहर

वहीं चानू की इस उपलब्धि पर उनके बड़े भाई बिनोद मैतेई ने कहा कि रजत जीतने के बाद, उन्होंने खुशखबरी साझा करने के लिए अपनी मां सैखोम तोम्बी को फोन किया, और कहा कि मुकाबला शुरू होने से पहले भी चानू ने फोन किया था। बिनोद ने मणिपुर के इंफाल पूर्वी जिले के नोंगपोक काकचिंग गांव से फोन पर आईएएनएस से कहा, चानू हालांकि स्वर्ण पदक हासिल नहीं कर पाई, लेकिन हम उनके प्रदर्शन से बहुत खुश और रोमांचित हैं। रजत पदक हम सभी के लिए स्वर्ण के समान है। चानू एक कम आय वाले परिवार से ताल्लुक रखती है, जिसमें आठ सदस्य शामिल हैं। इनमें से ज्यादातर खेत में काम करते हैं। चानू के पिता सैखोम कृति मैतेई ने कहा कि उन्होंने अपनी बेटी के विजयी प्रदर्शन को टेलीविजन पर अपनी आंखों में खुशी के आंसू के साथ देखा। सौखम मानते हैं कि उनकी बेटी ने एक अंतरराष्ट्रीय मंच पर देश को गौरवान्वित किया है।

हंसमुख सैखोम ने आईएएनएस को बताया, उनकी सारी मेहनत ने उन्हें बड़ी सफलता दिलाई है। पिता ने कहा कि रिश्तेदार, दोस्त और शुभचिंतक लाइमनिंग के नोंगपोक काकचिंग गांव में अपने छोटे से घर में टोक्यो में चानू को इतिहास रचते देखने के लिए एकत्र हुए थे। उन्होंने कहा, हम ज्यादातर शाकाहारी हैं, लेकिन आज रात हम उसकी सफलता का जश्न मनाने के लिए मांसाहारी रात्रिभोज तैयार करेंगे। हमारी बेटी ने भारत के लिए खाता खोला। यह रोमांचक है। हम चाहते थे कि वह स्वर्ण जीते, लेकिन यह रजत हमारे लिए स्वर्ण पदक की तरह है। हम चानू के लिए बहुत खुश और गौरवान्वित हैं।

चानू का गांव नोंगपोक काकचिंग एक कोविड प्रभावित इलाके में है और इसलिए परिवार ने बहुत से लोगों को अपने घर में प्रवेश करने की अनुमति नहीं दी और भीड़ को करीबी रिश्तेदारों और करीबी पड़ोसियों तक सीमित कर दिया।

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