News Room Post

FIDE World Cup 2023 Final: फाइनल तो हार गए प्रज्ञाननंद, लेकिन दिल जीत लिया, यकीन ना हो तो देखिए सोशल मीडिया का माहौल

नई दिल्ली। वो कहते हैं, ना कि कुछ लोग बाजी तो जरूर हार जाते हैं, लेकिन दिल जीत लेते हैं, जिस वजह से उनके हारने का मलाल दिल में किसी को नहीं होता है। जी हां…अब आप इतना सबकुछ पढ़ने के बाद मन ही मन सोच रहे होंगे कि उत्प्रेरणा से युक्त भूमिका किस संदर्भ में रचा रहे हैं। जरा कुछ खुलकर बताएंगे तो चलिए आगे हम आपको इसके बारे में विस्तार से बताते हैं। दरअसल, हम यह भूमिका प्रज्ञाननंद के संदर्भ में रचा रहे हैं, जो फीडे चेस वर्ल्ड कप के फाइनल में पहुंचकर बेशक बाजी हार गए, लेकिन यकीन मानिए, देश में किसी को भी उनके हारने का मलाल नहीं है, बल्कि फक्र अलग से है। वजह, यह है कि प्रज्ञाननंद ने महज 18 वर्ष की उम्र में 35 साल के कार्लसन से दट कर मुकाबला किया और ना महज मुकाबला किया, बल्कि फाइनल में भी अपने लिए जगह पक्की की।

वहीं, दोनों के बीच पिछला दो मैच काफी रोमांचक रहा था, लेकिन किसी विशेष परिस्थितियों की वजह से दोनों मैच ड्रॉ हो गए, लेकिन प्रज्ञाननंद की परफोर्मेंस ने पूरी दुनिया को उनका कायल बना दिया, इसलिए शायद उनके फाइनल में हार जाने का किसी को कोई गम, मलाल या यूं कहें कि उनसे कोई शिकायत नहीं है, बल्कि फक्र अलग से है। लिहाजा, फाइनल में पहुंचकर कार्लसन को जिस तरह से प्रज्ञाननंद ने टक्कर दी, उसे लेकर सोशल मीडिया पर उनकी जमकर तारीफ की जा रही है।

आपको यह जानकर खुशी होगी कि सोशल मीडिया के मुख्तलिफ मंचों पर उनकी जमकर तारीफ की जा रही है। आगे कि रिपोर्ट में हम आपको प्रज्ञाननंद की हार को लेकर सोशल मीडिया के मिजाज के बारे में विस्तार से बताएंगे, लेकिन उससे पहले आप यह जान लीजिए कि प्रज्ञाननंद यह कारनामा करने वाले तीसरे सबसे कम उम्र के युवा खिलाड़ी बने हैं। लिहाजा उन्हें लेकर सोशल मीडिया पर लोगों का जोश अपने चरम पर है। आइए, अब आगे आपको भूमिकाओं में ना उलझाते हुए सीधा सोशल मीडिया के मिजाज से रूबरू कराते हैं।

देखिए …. कैसा है सोशल मीडिया का माहौल

Exit mobile version