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Tokyo Olympics 2020: पीवी सिंधु इतिहास रचने के करीब, चीनी ताइपे की ताइ जू यिंग से होगा मुकाबला

नई दिल्ली। टोक्यो ओलंपिक में आज भारत के लोगों की निगाहें शटलर पीवी सिंधु (PV Sindhu) पर टिकी हैं। उनका आज चीनी ताइपे की ताइ जू यिंग (Tai Tzu-ying) से मुकाबला है। इसी के साथ सिंधु मेडल से सिर्फ एक कदम दूर हैं। सिंधु के खिलाफ चाइनीज ताइपे की इस 27 वर्षीय खिलाड़ी ने 18 में से 13 मुकाबले अपने नाम किए हैं, जबकि सिंधु 5 मैच जीत सकी हैं।

इससे पहले कांटे की टक्कर में सिंधु ने जापानी स्टार अकाने यामागुची को 21-13, 22-20 से मात दी। इससे पहले पीवी सिंधु ने एकतरफा प्री-क्वॉर्टर फाइनल मुकाबले में डेनमार्क की मिया ब्लिचफेल्ट को सीधे गेम में हराकर उन्होंने अंतिम आठ में जगह बनाई थी। पीवी सिंधु ने बेहतरीन खेल खेलते हुए दूसरा सेट भी अपने नाम किया। इस जीत के साथ भारतीय खिलाड़ी सिंधु सेमीफाइनल में पहुंच गई। सिंधु इकलौती भारतीय महिला बैडमिंटन खिलाड़ी हैं जिन्होंने टोक्यो ओलंपिक के लिए क्वालिफाई किया है। टोक्यो जाने से पहले एक इंटरव्यू में सिंधु ने कहा था कि भारत सरकार की ओर से दिए गए सम्मान और पुरस्कारों को उन्हें सार्थक करना है।

आपको बता दें, 5 जुलाई 1995 को आंध्र प्रदेश की राजधानी हैदराबाद में जन्मी पीवी सिंधु के माता-पिता राष्ट्रीय स्तर के वॉलीबॉल खिलाड़ी थे। उनके पिता पीवी रमाना 1986 के सियोल एशियाई खेलों में ब्रॉन्ज मेडल अपने नाम करने वाली भारतीय टीम का हिस्सा थे। सिंधु, पुलेला गोपीचंद के प्रदर्शन से प्रभावित थीं जिन्हें देखकर ही उन्होंने 9 साल की उम्र से ही गोपीचंद की एकेडमी में प्रैक्टिस शुरू की थी।

जीत चुकी हैं कई मेडल

करियर की शुरुआत में ही सिंधु ने ऑल इंडिया रैंकिंग चैंपियनशिप और सब-जूनियर नेशनल चैंपियनशिप में खिताब जीतकर अपनी प्रतिभा लोगों को दिखा दी थी। सिंधु ने साल 2009 में सब-जूनियर एशियाई बैडमिंटन चैंपियनशिप में ब्रॉन्ज मेडल अपने नाम किया और एक साल बाद ईरान में अंतरराष्ट्रीय बैडमिंटन चैलेंज में सिल्वर मेडल जीता। इसके बाद साल 2012 में उन्होंने एशियन जूनियर चैंपियनशिप में गोल्ड मेडल जीता कर अपने साथ ही परिवार और देश का नाम रोशन किया था।

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