News Room Post

Ravi Shastri: रवि शास्त्री का बड़ा बयान, बोले- “भारत में कुछ लोग उन्हें सफल होते नहीं देखना चाहते थे”

नई दिल्ली। इंडियन क्रिकेट टीम के पूर्व कोच रहे रवि शास्त्री ने क्रिकेट जगत के कुछ खास लोगों को लेकर बड़ा बयान दिया है। उन्होंने कहा है कि ”भारत में कुछ ऐसे लोगों की गैंग थी, जो चाहती थी कि वो कोच के तौर पर सफल न हों।” बता दें, रवि शास्त्री 2014 से 2021 के दौरान भारतीय टीम के डायरेक्टर रहे और बाद में भारतीय टीम के कोच रहे थे। उनके डायरेक्टर पद पर रहते ही वनडे वर्ल्ड कप में भारतीय टीम सेमीफाइनल में ऑस्ट्रेलिया से हार कर बाहर हो गई थी, जिसके बाद रवि शास्त्री को उनके पद से निलंबित कर दिया गया था। इसके बाद उन्हें और अनिल कुंबले को भारत का नया कोच बनाया गया। इसके बाद साल 2017 में रवि शास्त्री को बतौर फुल टाइम कोच नियुक्त किया गया। कहा जाता है कि रवि शास्त्री को पूरी तरह से टीम का कोच बनाने में उस दौरान टीम के कप्तान रहे विराट कोहली ने अहम भूमिका निभाई थी। यही कारण था कि अनिल कुंबले को अपना कार्यकाल पूरा किए बिना ही अपने पद से इस्तीफा देना पड़ा था।

एक अखबार में दिए इंटरव्यू के दौरान रवि शास्त्री ने कहा था कि, ‘मेरे पास कोचिंग की डिग्रियां नहीं थीं, लेवल 1? लेवल 2? भाड़ में गया सब।’ उन्होंने आगे कहा था कि ‘भारत जैसे देश में हमेशा जलन होती है। क्रिकेट जगत में कुछ लोगों की एक गैंग थी, जो मुझे कोच के तौर पर सफल होते नहीं देखना चाहती थी।’ उन्होंने कहा, मेरी चमड़ी मोटी थी, आप लोगों ने जो ड्यूक बॉल देखी है, उससे भी मोटी और काफी सख्त। यहां रहने के लिए आपके पास मोटी चमड़ी होनी चाहिए। देखना रॉब (इंग्लैंड क्रिकेट टीम के मैनेजर) भी जैसे-जैसे वो काम करता जाएगा वो भी ऐसा ही कर लेगा। फिर हर दिन उसको भी मेरी ही तरह जज किया जाएगा, लेकिन मुझे खुशी है कि उसके पास केंट की कप्तानी का अनुभव है, क्योंकि खिलाड़ियों से बातचीत होना सबसे अहम बात है।’ बता दें, कि रॉब की ने हाल ही में इंग्लैंड क्रिकेट की जिम्मेदारी संभाली है। वो भी रवि शास्त्री की तरह ही मशहूर कमेंटेटर रहे हैं, साथ ही उनके पास भी रवि शास्त्री की तरह कोचिंग की कोई डिग्री नहीं है।

भारतीय टीम के साथ अपने अनुभव के बारे में बात करते हुए वो कहते हैं कि क्रिकेट के क्षेत्र में सभी जगह नेशनल टीम्स एक ही तरीके से काम करती हैं। उन्होंने आगे कहा, ‘रॉब को घरेलू मैचों में ज्यादा काम करना पड़ सकता है, लेकिन जब बात राष्ट्रीय टीम की होती है, तब वो सभी जगह समान होती हैं।’ इसमें सबसे अहम बात ये है कि आपको जीतने और विरोधी टीम से मुकाबला करने का माइंडसेट करना होता है। आपको उसे हासिल करने के लिए दबंग और मजबूत होना पड़ेगा।’ उनका मानना है कि चीजों को समझने के लिए रॉब की को पूर्व कप्तान, जो रूट के साथ बात करनी चाहिए।

Exit mobile version