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धोनी में बड़े शॉट खेलने की काबिलियत थी, वह अनोखे थे : सौरव गांगुली

गांगुली(Sourav Ganguly) ने कहा, "चैलेंजर ट्रॉफी थी, उन्होंने मेरी टीम से सलामी बल्लेबाजी करते हुए शतक बनाया था। मुझे यह पता था। खिलाड़ी तब बनता है जब उसे ऊपर भेजा जाता है, आप निचले क्रम में रखकर किसी को खिलाड़ी नहीं बना सकते।

Saurav Ganguly

नई दिल्ली। भारतीय टीम के पूर्व कप्तान सौरव गांगुली ने कहा है कि हाल ही में संन्यास लेने वाले महेंद्र सिंह धोनी में बड़े शॉट्स खेलने की काबिलियत थी और इसलिए उन्हें बल्लेबाजी क्रम में ऊपर लाना और स्वतंत्रता से अपना खेल खेलने देना जरूरी था। भारत को सभी आईसीसी ट्रॉफी दिलाने वाले कप्तान धोनी ने 15 अगस्त को अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट से अलविदा कह दिया। गांगुली ने अपनी कप्तानी में धोनी को 2005 में विशाखापट्टनम में पाकिस्तान के खिलाफ खेले गए वनडे मैच में नंबर-3 पर भेजा था। धोनी कप्तान के भरोसे पर खरा उतरे थे और 148 रनों की पारी खेल टीम को जीत दिलाई थी।


गांगुली ने स्पोटर्सतक से बात करते हुए कहा, “धोनी को विशाखापट्टनम में नंबर-3 पर खेलने का मौका मिला और उन्होंने शानदार शतक जमाया। उन्हें जब भी ज्यादा ओवर खेलने का मौका मिला है उन्होंने बड़ा स्कोर किया है। सचिन तेंदुलकर अगर नंबर-6 पर खेलते रहते तो वह आज सचिन तेंदुलकर नहीं बनते क्योंकि नीचे आपको कम गेंदें खेलने को मिलती हैं।”


गांगुली ने कहा, “चैलेंजर ट्रॉफी थी, उन्होंने मेरी टीम से सलामी बल्लेबाजी करते हुए शतक बनाया था। मुझे यह पता था। खिलाड़ी तब बनता है जब उसे ऊपर भेजा जाता है, आप निचले क्रम में रखकर किसी को खिलाड़ी नहीं बना सकते। मेरा हमेशा से मानना है कि ड्रेसिंग रूम में बैठ कर आप बड़ा खिलाड़ी नहीं बन सकते। उनमें जिस तरह की काबिलियत थीं, खासकर छक्के मारने की, वो कम होती है।”


बीसीसीआई के मौजूदा अध्यक्ष ने कहा, “जब मैंने संन्यास लिया तो मैंने कई बार अपने विचार रखे कि धोनी को ऊपरी क्रम में खेलना चाहिए।”

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