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CWG 2022: उम्मीदों के बावजूद पदक से चुकीं वेटलिफ्टर पूनम यादव, सही नहीं रही भारत की शुरुआत

नई दिल्ली। कॉमनवेल्थ गेम्स में भारत के वेटलिफ्टरों का लगातार शानदार प्रदर्शन जारी है। आज कॉमनवेल्थ गेम्स का पांचवा दिन है। ऐसे में पूनम ने 76 किलोग्राम वर्ग में भाग लिया लेकिन वो भारत को मेडल दिलाने में नाकामयाब रही। आज पूनम यादव से देश को काफी उम्मीदें थी। पूनम विमेंस 76 किलोग्राम में भारत को रिप्रजेंट कर रही हैं। आज के पहले स्नेच में उन्होंने 95 किलोग्राम वेट उठाया और पहले प्रयास में वह नाकामयाब रही। लेकिन दूसरे प्रयास में वह सफर रही। हांलाकि उस दौरान वो ज्यादा खुश नजर नहीं आई। इसके बाद पूनम अपने तीसरे प्रयास में 98 किलोग्राम के वजन पर सफल हुई। उनका माया के साथ कड़ी टक्कर हुई। पूनम यादव ने क्लीन एंड जर्क में पहले प्रयास के लिए 116 किलोग्राम का वेट रजिस्टर करवाया था। माना जा रहा था इन आकड़ो के आधार पर गोल्ड मेडल के लिए मेन मुकाबला पूनम यादव और माया के बीच हो सकता है।


क्लीन एंड जर्क 

क्लीन एंड जर्क में पहुंचने से पहले पूनम यादव अपनी प्रतिद्वंदी माया से 2 किलो वजर पीछे चल रही थी। उस वक्त माना जा रहा था कि यदि इस दौरान माया का प्रदर्शन अच्छा नहीं रहता और पूनम सही तरीके से वजन को उठाने में कामयाब हो जाती हैं तो वो गोल्ड की प्रबल दावेदार हो जाएंगी। लेकिन ऐसा नहीं हो सका। पूनम भारत को पदक नहीं दिलवा पाई। इस दौरान उनके तीनों प्रयासों को जज ने खारिज कर दिया।

कौम हैं पूनम यादव? 

बता दें कि पूनम उत्तर प्रदेश के वाराणसी की रहने वाली हैं। कॉमनवेल्थ गेम्स 2022 के अलावा उन्होंने 2014 राष्ट्रमंडल खेलों में कांस्य पदक और साल 2018 राष्ट्रमंडल खेलों में स्वर्ण पदक भी जीता था। पूनम का जन्म 9 जुलाई 1955 को वाराणसी, उत्तर प्रदेश के दादूपुरा गांव में हुआ था। उनके पिता का नाम कैलाश यादव व माताजी का नाम उर्मिला यादव है। पूनम ने अपने बचपन के दिनों में बहुत गरीबी देखी है। उन्हें राष्ट्रमंडल खेलों में भेजने के लिए किसान पिता कैलाश यादव ने अपनी भैंसे भी बेची थी। पूनम के अलावा उनके परिवार में 2 भाई और चार बहनें हैं। उनके दोनों भाई आशुतोष और अभिषेक हॉकी के नेशनल प्लेयर हैं।

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