नई दिल्ली। आईपीएल 2022 का सीजन किसी टीम के लिए अच्छा रहा है, तो वहीं दूसरी तरफ कई टीम ऐसी भी हैं, जिन्होंने भारी-भरकम पैसे में खिलाड़ियों को खरीदा। लेकिन वो खिलाड़ी वैसा प्रदर्शन नहीं कर पाए, जैसी उम्मीद थी। लेकिन आज हम एक ऐसे खिलाड़ी की बात करने जा रहे हैं, जिसे कम कीमत मिलने के बाद भी आज वह अपनी टीम का अहम हिस्सा बना हुआ है। वहीं दूसरी तरफ सोशल मीडिया पर अपनी निजी जिंदगी के लिए वायरल भी हो रहा है। जी हां, हम बात कर रहे है, दिनेश कार्तिक की। पहले बात करते हैं, उनके इस सीजन के बारे में, उनको रॉयल चैलेंजर्स बैग्लुरु ने इस साल मात्र 5.5 करोड़ रुपये में खरीदा था। लेकिन कम कीमत के बावजूद वो इस साल अपनी टीम को कई मैच जीत दिलाने में कामयाब रहे हैं और बेस्ट फिनिशर के रूप में अपनी पहचान बना रहे हैं।
अगर दिनेश कार्तिक की निजी जिंदगी की बात करें, तो वह आजकल सोशल मीडिया में चर्चा का विषय बने हुए हैं। दरअसल, सोशल मीडिया पर एक लाइन वायरल हो रही हैं, जिसमें लिखा है कि ‘समय सबका आता है, बस संयम बनाए रखें। ये लाइन फैसबुक और ट्वीटर हैंडल पर देखी जा रही है। इन सब के साथ सोशल मीडिया में इन लाइनों के साथ उनके जीवन की कहानी बताई जा रही है कि कैसे उन्होंने कमबैक किया। उनको महेंद्र सिंह धोनी की वजह से टीम से बाहर निकाल दिया गया। उनका तलाक हो गया और वो अवसाद में आ गए थे।
उनकी यह सफलता की कहानी सभी को जाननी चाहिए। नीचे गिरकर उठना किसे कहते हैं यह कार्तिक का जीवन बताता है। सदैव संयम बनाये रखिए। परिस्थितियों से लड़ते रहिए। आप अपनी मंज़िल तक अवश्य पहुंचेंगे।
▪️सुधांशु टॉक
[17/1 ?
— Avinash Das (@avinashonly) May 11, 2022
क्या है सच्चाई?
It also talks about how he got booted out of his IPL team. BULLSHIT. Every year from 2012 to 2015, DK played pretty much every match his team did. In fact, in 2013 he scored more than 500 runs, his best ever performance in the IPL. He’d go on to be bought for 14 cr in IPL 2015. pic.twitter.com/qW4AD1hlXt
— TheRandomCricketPhotosGuy (@RandomCricketP1) May 12, 2022
अब दिनेश कार्तिक के चाहने वाले उनकी जिंदगी से जुड़े सही तथ्यों को जुटाने में लगे हुए हैं। इसके लिए क्रिकेट के जानकार अमित सिन्हा ने दिनेश कार्तिक की सोशल मीडिया पर चल रही इन कहानियों का फैक्ट चैक किया है। जिसमें वह बता रहे है कि 2011 में दिनेश कार्तिक की जगह मुरली विजय नहीं, बल्कि लक्ष्मीपति बालाजी को कप्तान बनाया गया था। लेकिन दूसरी तरफ सोशल मीडिया पर जो कहानी बताई जा रही है, वो इसके उलट है। इसमें दिनेश कार्तिक की जगह मुरली विजय को कप्तान बनाने की बात कही गई है। वहीं, 2012 में दिनेश कार्तिक को टीम से बाहर करने की बात भी की जा रही है। लेकिन सच ये है कि दिनेश कार्तिक साल 2010 से टीम का हिस्सा नहीं थें।