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2011 World Cup Indian Team: विश्‍व कप विजेता भारतीय टीम प्लेइंग XI दोबारा नहीं दिखी एक साथ, क्या कभी दिखेंगे एक साथ?

नई दिल्ली। भारतीय क्रिकेट टीम ने दो बार भारत को विश्व विजेता बनने का मौका दिया। एक बार 1983 में जब टीम की कमान कपिलदेव के हाथ थी। इसके बाद दूसरी बार आज ही के दिन 10 साल पहले 2011 में जब महेंद्र सिंह धोनी की कप्तानी में भारत दूसरी बार विश्व विजेता बना था। इस टीम के प्लेइंग XI में वीरेंद्र सहवाग, सचिन तेंदुलकर, गौतम गंभीर, विराट कोहली, एमएस धोनी, युवराज सिंह, सुरेश रैना, हरभजन सिंह, जहीर खान, मुनाफ पटेल और एस श्रीसंत शामिल थे। भारत ने 28 साल बाद विश्व कप पर दोबारा कब्जा किया था। लेकिन आप यह नहीं जानते होंगे कि भारतीय क्रिकेट टीम जिस प्लेइंग XI के साथ मैदान पर उतरी थी उस टीम ने दोबारा कभी एकसाथ अंतरराष्‍ट्रीय मैच नहीं खेला। 2 अप्रैल 2011 के बाद यह पूरी टीम कभी भी एक साथ मैदान पर नजर नहीं आई। आपको बता दें कि इस प्लेइंग XI में से हरभजन सिंह, विराट कोहली और श्रीसंत ही ऐसे खिलाड़ी हैं जिन्होंने इंटरनेशनल क्रिकेट को अलविदा नहीं कहा है। बाकि टीम का हिस्सा रहे सभी खिलाड़ी पहले ही संन्यास की घोषणा कर चुके हैं।

इतना ही नहीं गाहे-बगाहे 1983 की विश्व विजेता टीम को तो एक साथ कई मंचों पर देखा जाता रहा है। लेकिन क्रिकेट के मैदान को तो छोड़े 2011 की विश्व कप विजेता टीम के खिलाड़ी कभी एक साथ किसी मंच पर नजर भी नहीं आए। ना हीं ऐसा होने का भविष्य में कोई गुंजाइश नजर आ रहा है। क्योंकि इस टीम के खिलाड़ियों के बीच किसी ना किसी बात को लेकर दूरियां हैं। महेंद्र सिंह धोनी के साथ मंच साझा करना युवराज सिंह और गौतम गंभीर जैसे खिलाड़ियों के लिए संभव नजर नहीं आता है। ना ही अभी तक इस तरह की कोई कोशिश की गई है।

इस पूरे टूर्नामेंट में भारत की टीम इतनी मजबूत थी कि लोगों को पहले से ही लगा था कि विश्व कप इस बार भारत के ही हिस्से में आनेवाला है और ऐसा हुआ भी। सचिन तेंदुलकर, वीरेंद्र सहवाग, एमएस धोनी, युवराज सिंह, जहीर खान और हरभजन सिंह जैसे दिग्गज खिलाड़ियों से भरी टीम ने इस टूर्नामेंट में ऐसा प्रदर्शन किया कि सभी चकित रह गए थे। लेकिन एक साथ इस प्लेइंग XI के मैदान पर नहीं आने को लेकर गौतम गंभीर ने एक बार कहा था कि, ‘मुझे नहीं लगता कि अंतरराष्‍ट्रीय वनडे क्रिकेट इतिहास में ऐसा पहले कभी हुआ होगा कि विश्‍व कप जीतने वाली टीम दोबारा कभी एकसाथ नहीं खेली।’

भारतीय टीम के हीरो इस पूरे टूर्नामेंट में रहे युवराज सिंह। 2011 विश्व कप के मैन ऑफ द टूर्नामेंट के रूप में युवराज सिंह को चुना गया था जिन्होंने पूरे टूर्नामेंट में 362 रन बनाने के साथ 15 विकेट चटकाए थे। भारत ने इस विश्व कप में ऑस्ट्रेलिया, पाकिस्तान और वेस्टइंडीज जैसी दिग्गज टीम को मात देकर फाइनल में प्रवेश किया था। जहां श्रीलंका के साथ उनको फाइनल खेलना था। तब श्रीलंका की टीम का खेल भी उम्दा था। लेकिन भारतीय धाकड़ों के सामने इनकी एक ना चली और इस मैच में भारत ने जीत हासिल कर विश्व कप पर कब्जा जमा लिया।

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