नई दिल्ली। पहलवानी की दुनिया में झंडे गाड़ने वाले कुश्ती पहलवान बजरंग पुनिया का आज जन्मदिन है। 26 फरवरी 1994 हरियाणा राज्य के झज्जर जिले के खुदन गांव के एक जाट परिवार में जन्में बजरंग पुनिया की मां का नाम ‘ओम प्यारी’ है और इनके पिता का नाम ‘बलवान सिंह पुनिया’ है। बजरंग पुनिया के पिता भी एक पेशेवर पहलवान हैं। उनके भाई हरेंद्र पुनिया भी एक पहलवान हैं। अर्जुन अवार्ड, पद्मश्री पुरस्कार, राजीव गांधी खेल रत्न से सम्मानित बजरंग पुनिया एक इंटरव्यू में अपनी जिंदगी से जुड़ी एक दिलचस्प बात बताते हैं उनके अनुसार “हरियाणा के हर गांव के हर घर में आपको लंगोट मिल जाएगी और अखाड़े में केवल लंगोट में जाना होता है। जीतने पर वहां कुछ न कुछ इनाम मिलता ही है। एक तो इनाम का लालच दूसरा स्कूल से बचने के लिए मैं अखाड़ों में जाने लगा था।”
बजरंग पुनिया ने 7 साल की उम्र में ही कुश्ती खेलना चालू कर दिया था। पिता भी एक पेशेवर पहलवान थे, इसलिए घर वालों ने कोई रोक टोक नहीं की। वो आगे बताते हैं कि “गांवों में मिट्टी के अखाड़ों में मिट्टी के कारण पहलवानों को लड़ने में काफ़ी मदद मिलती है, लेकिन मैट की कुश्ती एकदम अलग होती है और मिट्टी के आखाड़ों में बेहतरीन प्रदर्शन करने वाले पहलवानों को भी मैट पर कुश्ती के गुर सीखने होते हैं। इसी वजह से मात्र 12 साल की उम्र में वो पहलवान सतपाल से कुश्ती के गुर सीखने के लिए दिल्ली के छत्रसाल स्टेडियम पहुंच गए थे, लेकिन योगेश्वर दत्त से मुलाकात के बाद कुश्ती के प्रति उनकी प्रतिबद्धता बढ़ गई। इस बारे में योगेश्वर दत्त ने भी एक चैनल के एक कार्यक्रम में बताया था।
उन्होंने कहा था कि ‘साल 2008 में कुडन गांव का मेरा एक दोस्त उसे लेकर मिलवाने आया था, तब मैंने उसमें काफी लगन वाला भाव देखा था। वो हमलोगों से केवल 12-13 साल छोटा था, लेकिन मेहनत हमारे बराबर ही करता था।’ साल 2012 के लंदन ओलंपिक में योगेश्वर दत्त को मिली की कामयाबी ने उन्हें भी काफी प्रेरित किया और इस बात का हौसला दिया कि वो भी ओलंपिक मेडल हासिल कर सकते हैं। बजरंग पूनिया ने योगेश्वर दत्त को अपनी प्रेरणा, मॉडल, गाइड और दोस्त सब बना लिया था।
पहलवान बजरंग पूनिया ने अब तक अलग-अलग गेम्स में कुल 3 ब्रॉन्ज मेडल, 4 सिल्वर मेडल और 5 गोल्ड मेडल जीते हैं। उन्होंने 25 नवंबर 2020 को लॉकडाउन के दौरान संगीता फोगाट के साथ पूरे रस्मों रिवाज से शादी की थी, जिसमें मात्र 21 बाराती शामिल हुए थे।