सियोल। चीन के एक स्टार्टअप ने बीते दिनों डीपसीक DeepSeek एआई टूल लॉन्च किया था। चीन के स्टार्टअप ने दावा किया है कि डीपसीक तेजी से गणितीय समस्याओं को हल कर सकता है। इसके अलावा डीपसीक के जरिए आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस के और भी काम तेजी से लिए जा सकते हैं। फिर भी डीपसीक के चीन में बने होने के कारण अब कई देशों की सरकारों ने इसके इस्तेमाल को बैन कर दिया है। इन देशों में अब दक्षिण कोरिया का नाम भी जुड़ गया है। दक्षिण कोरिया ने डीपसीक एप को डाउनलोड करने पर अस्थायी रोक लगाई है। दक्षिण कोरिया के अफसरों ने बताया कि डीपसीक बनाने वाली कंपनी से प्राइवेसी संबंधी चिंता जताई गई थी। जिसके बाद कंपनी ने डीपसीक डाउनलोड पर अस्थायी रोक लगाई है। इससे चीन की कंपनी को झटका लगा है।
एप्पल के एप स्टोर और गूगल के प्ले स्टोर ने दक्षिण कोरिया के लोगों के लिए डीपसीक एप का वर्जन हटा दिया है। चीन की कंपनी ने दक्षिण कोरिया को भरोसा दिया है कि वो डेटा सुरक्षा को मजबूत करने के लिए नियामकों के साथ काम करेगा और चिंताओं को दूर करने के बाद डीपसीक को एक बार फिर दक्षिण कोरिया में लॉन्च किया जाएगा। डीपसीक बनाने वाली चीन की कंपनी ने कोरियाई भाषा में डीपसीक को लॉन्च किया था। हालांकि, दक्षिण कोरिया में जिन लोगों ने पहले ही डीपसीक को डाउनलोड किया है, वे इसे चला सकेंगे। दरअसल, चीन और उत्तर कोरिया के बीच काफी नजदीकी है। वहीं, दक्षिण कोरिया और उत्तर कोरिया के बीच दशकों पुरानी दुश्मनी है। ऐसे में दक्षिण कोरिया के सरकारी आयोग ने डेटा हैक होने का अंदेशा जताया था।
डीपसीक को पहले ऑस्ट्रेलिया की सरकार ने बैन किया। भारत में केंद्र सरकार ने अपने कर्मचारियों से कहा है कि वे सरकारी कम्प्यूटर पर डीपसीक या किसी अन्य एआई टूल का इस्तेमाल न करें। वहीं, इटली में भी डीपसीक पर प्रतिबंध लगा है। ताइवान की सरकार ने भी डीपसीक पर बैन लगाया है। अमेरिका में कई सरकारी एजेंसियों और प्राइवेट कंपनियों ने कर्मचारियों को डीपसीक का इस्तेमाल न करने को कहा है। आयरलैंड के डेटा संरक्षा आयोग ने डीपसीक बनाने वाली कंपनी से डेटा सुरक्षा पर जानकारी मांगी है।