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IT Sector On Import Ban: लैपटॉप समेत कई चीजों के आयात पर बैन अब 1 नवंबर से होगा लागू, आईटी सेक्टर उत्साहित

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नई दिल्ली। मोदी सरकार ने दो दिन पहले विदेश से लैपटॉप, टैबलेट, पर्सनल कम्प्यूटर और कुछ तरह के सर्वर आयात करने पर तत्काल रोक लगाने का फैसला किया था। सरकार ने इन चीजों के आयात को कुछ श्रेणियों के लिए लाइसेंस के तहत जारी रखने की बात कही थी। इससे ये समस्या पैदा हो रही थी कि कंपनियां तत्काल आयात बंद नहीं कर सकतीं और देश में लैपटॉप, पर्सनल कम्प्यूटर, टैबलेट और सर्वर की बड़ी कमी हो सकती है। सरकार ने इस समस्या को समझते हुए अब इन चीजों के आयात पर प्रतिबंध को 1 नवंबर 2023 से लागू करने का फैसला किया है।

संचार मंत्रालय में राज्य मंत्री राजीव चंद्रशेखर के मुताबिक सरकार ने विदेश से लैपटॉप, पर्सनल कम्प्यूटर, टैबलेट और कुछ किस्म के सर्वर के आयात पर रोक का फैसला देश के हित में किया है। राजीव चंद्रशेखर के मुताबिक इस रोक से मेक इन इंडिया को बल मिलेगा। भारत में लैपटॉप, पर्सनल कम्प्यूटर, टैबलेट और सर्वर बनेंगे, तो इससे इनकी कीमत भी काफी कम हो जाएगी। इसके साथ ही चीन के पास बिना जानकारी के यूजर्स का डेटा पहुंच जाने की आशंका भी कम होगी। चंद्रशेखर का ये भी कहना है कि इसे कतई लाइसेंस राज की वापसी नहीं मानना चाहिए।

उधर, कम्प्यूटर जगत की बड़ी कंपनियों की तरफ से भी सरकार के आयात प्रतिबंध फैसले का स्वागत किया गया है। डिक्सॉन टेक्नोलॉजी के चेयरमैन सुनील वचाणी ने कहा कि मोदी सरकार के आयात प्रतिबंध के फैसले से भारत आईटी क्षेत्र में इस्तेमाल होने वाले सामान का सबसे बड़ा निर्माता बन सकेगा। उन्होंने कहा कि इससे आईटी क्षेत्र के हार्डवेयर को भारत में बनाकर दुनिया में बेचा जा सकेगा। साथ ही इससे बड़ी संख्या में लोगों को रोजगार भी मिलेगा।

वहीं, लावा इंटरनेशनल के चेयरमैन हरिओम राय ने कहा कि लैपटॉप, टैबलेट, पर्सनल कम्प्यूटर और कुछ श्रेणी के सर्वर के आयात पर रोक लगाकर मोदी सरकार ने उद्योग जगत से दोस्ती का रुख दिखाया है। उन्होंने कहा कि ये कदम सप्लाई चेन में दिक्कत पैदा नहीं करेगा। हरिओम राय ने कहा कि भारत में इलेक्ट्रॉनिक्स का निर्माण हब बनने जा रहा है और इससे रोजगार के भी नए अवसर पैदा होंगे।

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