नई दिल्ली। भारत में Elon Musk की सैटेलाइट इंटरनेट सर्विस Starlink और Amazon Web की सैटेलाइट सर्विस की शुरुआत में देरी हो सकती है। इसकी वजह दूरसंचार विभाग (DoT) द्वारा इन दोनों कंपनियों के सामने रखी गई बड़ी डिमांड है। हाल ही में, सरकार ने सैटेलाइट इंटरनेट सर्विस के लिए स्पेक्ट्रम अलोकेशन और इसकी कीमत से जुड़ी प्रक्रियाओं को लेकर विभिन्न स्टेकहोल्डर्स से सुझाव मांगे थे। सरकार अब जल्द ही सर्विस प्रोवाइडर्स के लिए स्पेक्ट्रम अलोकेशन की प्रक्रिया शुरू करने की योजना बना रही है।
DoT ने रखी सुरक्षा कम्प्लायेंस की मांग
दूरसंचार विभाग ने Elon Musk की Starlink और Amazon की सैटेलाइट सर्विस के लिए जरूरी सुरक्षा मानकों का पालन करने की सख्त हिदायत दी है। इसके साथ ही, DoT ने Airtel की Eutelsat OneWeb और Jio की SES सैटेलाइट इंटरनेट सर्विस को पहले ही मंजूरी दे दी है। विभाग ने Starlink और Amazon को आगे बढ़ने के लिए आवेदन प्रक्रिया से जुड़े सुरक्षा पैरामीटर्स से संबंधित दस्तावेज जल्द से जल्द जमा करने को कहा है।
कंपनियों ने नहीं दी सुरक्षा कम्प्लायेंस की जानकारी
Economic Times की रिपोर्ट के अनुसार, Starlink और Amazon ने फिलहाल सुरक्षा कम्प्लायेंस से जुड़ी जानकारी विभाग को नहीं सौंपी है। दूरसंचार विभाग ने दोनों कंपनियों को पत्र लिखकर यह निर्देश दिया है कि वे जल्द से जल्द आवश्यक जानकारी सबमिट करें। मामले से जुड़े एक अधिकारी ने बताया कि सरकार की ओर से कुछ दिनों तक इंतजार करने के बाद एक रिमाइंडर भेजा जाएगा। अगर ये कंपनियां सभी सुरक्षा शर्तों को मान लेती हैं, तभी उनका आवेदन आगे की प्रक्रिया में शामिल किया जाएगा।
After a three-and-a-half-year pursuit, the Indian telecom ministry has granted in-principle approval for Starlink to begin operations, according to @AnnNewsKashmir 🇺🇸🤝🇮🇳 pic.twitter.com/AfteKy6PNC
— Dima Zeniuk (@DimaZeniuk) October 30, 2024
डेटा और कवरेज एरिया की जानकारी साझा करने का निर्देश
अधिकारी का कहना है कि देश में कई ऐसे क्षेत्र हैं जो सुरक्षा के दृष्टिकोण से संवेदनशील हैं। इन संवेदनशील क्षेत्रों को ध्यान में रखते हुए सैटेलाइट कंपनियों को अपने डेटा और कवरेज एरिया से जुड़े दस्तावेज सरकार के साथ साझा करने होंगे। इसके बाद ही सरकार इन्हें भारत में अपनी सेवाएं शुरू करने की अनुमति देगी। गौरतलब है कि Elon Musk ने अक्टूबर 2022 में ग्लोबल मोबाइल पर्सनल कम्युनिकेशन सैटेलाइट सर्विस (GMPCS) लाइसेंस के लिए आवेदन किया था, जबकि Amazon ने पिछले साल आवेदन किया था।
TRAI ले रहा है स्टेकहोल्डर्स से फीडबैक
दूरसंचार नियामक प्राधिकरण (TRAI) इस समय सैटेलाइट इंटरनेट सर्विस के स्पेक्ट्रम की प्राइसिंग और अन्य शर्तों को लेकर अन्य स्टेकहोल्डर्स से फीडबैक ले रहा है। भारत में फिलहाल Airtel, Jio और Vodafone-Idea जैसे प्रमुख खिलाड़ी टेरेस्टियल मोबाइल सर्विस के साथ-साथ सैटेलाइट सर्विस भी प्रदान करेंगे। वहीं, सैटेलाइट सर्विस के क्षेत्र में Amazon और Starlink इनके मुख्य प्रतिस्पर्धी होने वाले हैं। इन नीतियों और प्रक्रियाओं के पूरे होने के बाद ही यह तय होगा कि Amazon और Starlink भारत में कब अपनी सैटेलाइट इंटरनेट सेवा शुरू कर पाएंगे।