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TRAI: मोबाइल फ़ोन यूजर्स को सरकार ने दी बड़ी राहत, मैसेज और कॉल्स के लिए जारी की 2 नई सीरीज, फ्रॉड से मिलेगी निजात

नई दिल्ली। मोबाइल फ़ोन यूजर्स के लिए सरकार ने एक बड़ा कदम उठाया है। जिससे प्रमोशनल कॉल्स और मैसेज से परेशान रहने वाले उपभोक्ताओं को बड़ी राहत मिलेगी। आपने अक्सर अपने फ़ोन को यूज करते समय कंपनियों के प्रमोशनल कॉल्स और मैसेजस को देखा होगा। कई बार तो आपने हो सकता है इन नंबर्स को ब्लैकलिस्ट भी किया होगा। लेकिन बावजूद इसके ये कंपनियां आपको नए-नए नंबर्स से कॉल्स करती रहती हैं। चूंकि अभी तक ये नंबर्स ऐसे होते थे कि प्रमोशनल कॉल और मैसेज के बीच यूजर अंतर नहीं कर पाते थे। लेकिन अब दोनों के लिए सरकार ने अलग-अलग सीरीज आवंटित करने का फैसला किया है। इसके अलावा ट्राई यूजर्स के अनुभव को और बेहतर बनाने के लिए नए नियम भी बनाने जा रही है। नई सरकार के बनने के 100 दिनों के भीतर इन नियमों को लागू करने की बात अभी तक की जा रही है।

TRAI और DoT मिलकर कर रही काम

दूरसंचार विभाग और ट्राई ने एक साथ आकर नई मोबाइल नंबर की सीरीज को लॉन्च किया है। इसके अंतर्गत 140 मोबाइल नंबर सीरीज को प्रमोशनल वॉइस कॉलिंग और मैसेज की अनुमति होगी, जबकि 160 नंबर सीरीज वाले नंबर्स को फाइनेंसियल वॉइस कॉलिंग और मैसेज की अनुमति होगी। अब जल्द ही भारत के बड़े टेलिकॉम ऑपरेटर Jio, Vi, Airtel इन नंबर्स को देशभर में लागू कर देंगे। जिसके बाद उपभोक्ताओं को एक जैसे नंबर्स से आने वाले प्रमोशनल कॉल्स और मैसेजस से राहत मिलेगी। सरकार के मुताबिक इस नियम के लागू होने के बाद मोबाइल के जरिए होने वाले साइबर और फाइनेंसियल फ्रॉड को रोकने में सहायता मिलेगी।

भारत में फिशिंग मैसेज और कॉल्स बड़ी समस्या

गौर करने वाली बात ये भी है कि भारत में फिशिंग मैसेज एक बड़ी समस्या बन चुकी है। मोबाइल यूजर्स के साथ आसानी से ठग इस तरह के प्रमोशनल कॉल्स और मैसेज के जारी ठगी कर लेते हैं। कुछ तो मैसेज हकीकत में काम के होते हैं जबकि इन्हीं के बीच फ्रॉड के मैसेज भी आते हैं। ऐसे में तकनीकी ज्ञान की कमी के कारण कई यूजर्स इन ठगों के लिए आसान शिकार बन जाते हैं। इस तरह की ठगी को फिशिंग कहते हैं। आंकड़ों के अनुसार भारत में उपभोक्ताओं को हर महीने करीब 1 से 12 से 15 करोड़ फिशिंग के मैसेज प्राप्त होते हैं। इसके साथ ही आंकड़े तो ये भी कहते हैं कि हर 12 में से एक व्यक्ति हर महीने इसी प्रकार से ठगी का शिकार हो जाता है। करीबन 3 लाख लोग हर महीने इस तरह के फ्रॉड के शिकार बनते हैं लेकिन सिर्फ 40 हजार के आसपास लोग ही इसकी रिपोर्ट दर्ज कराते हैं। ऐसे में अगर ये नियम लागू हो जाता है तो इस तरह से ठगों पर भी लगाम लगाई जा सकेगी।

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