नई दिल्ली। फेसबुक की पैरेंट कंपनी मेटा ने 5 प्रतिशत कर्मचारियों की छंटनी की है। मेटा द्वारा कर्मचारियों को काम से निकाले जाने को लेकर विवाद शुरू हो गया है। दरअसल मेटा का कहना है कि जो कर्मचारी अपेक्षाओं को पूरा करने में विफल रहे उन्हें ही हटाया गया है जबकि निकाले गए कर्मचारियों में से ज्यादातर का कहना है कि कंपनी में अपने कार्यकाल के दौरान उन्हें कभी भी खराब समीक्षा नहीं मिली। वहीं नौकरी से निकाले गए मेटा कर्मचारी ने मेटा कंपनी और उसके सीईओ मार्क जुकरबर्ग पर निशाना साधा है। एक कर्मचारी एलाना सफनर ने लिंक्डइन पोस्ट में निशाना साधते हुए कहा, मैं मार्क जुकरबर्ग की ‘नई मैसकुलिन एनर्जी’ की ‘कोलेटरल डैमेज’ थी और मेटा में गुजारे अपने समय से संबंधित कई चीजें मिस नहीं करूंगी।
एलाना सफनर ने कहा कि मुझे नौकरी से निकालने का निर्णय काम को लेकर मेरे प्रदर्शन पर आधारित नहीं था। छह महीने के मातृत्व अवकाश से लौटने के कुछ हफ़्ते बाद उन्हें नौकरी से निकाल दिया गया। उन्होंने दावा किया कि मेटा में उन कर्मचारियों को निशाना बनाया, जिन्होंने हाल ही छुट्टियां ली हैं। उन्होंने कहा कि मेटा में मेरे तीन साल से ज्यादा वर्षों के काम के दौरान मुझे कभी भी ‘मीट्स ऑल’ के नीचे कोई समीक्षा नहीं मिली और मैं नवंबर तक 6 महीने के लिए मैट लीव पर थी।
सफनर ने कहा, आज नौकरी से निकाले गए कई लोगों की कहानियाँ एक जैसी हैं अच्छे प्रदर्शन का इतिहास और हाल ही में ली गई छुट्टी। सफ़नर ने मेटा में अपनी भूमिका और कंपनी के साथ अपने समय के दौरान उन्होंने जो हासिल किया उसका विस्तृत विवरण दिया। उन्होंने उस टीम के प्रति भी आभार व्यक्त किया जिसके साथ उन्होंने काम किया। बिजनेस इनसाइडर की रिपोर्ट के अनुसार, मेटा की छंटनी से यूरोप, एशिया और अमेरिका में लगभग 3,600 कर्मचारी प्रभावित होंगे।