नई दिल्ली। भारत अब अपना खुद का AI सिस्टम विकसित करने जा रहा है। भारत का यह AI सिस्टम ChatGPT और DeepSeek R1 को टक्कर देगा। केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव ने इस संबंध में जानकारी देते हुए बताया कि भारत एक ऐसा AI सिस्टम बनाने जा रहा है जो हमारे देश की संस्कृति, यहां की भाषाओं और जरूरतों से वाकिफ हो। साथ ही वो पक्षपात से मुक्त हो और देश की विविधता को उचित तरीके से दिखा सके। भारत सरकार 10,370 करोड़ रुपये के इंडिया AI मिशन के हिस्से के रूप में खुद का मॉडल स्थापित करने जा रहा है।
केंद्रीय मंत्री ने बताया कि आने वाले दिनों में भारत फंडामेंटल AI लार्ज लैंग्वेज मॅाडल तैयार करेगा जो चैट जीपीटी जैसे चैटबॅाट को चलाने के लिए एक करेंसी की तरह है। इसके लिए सरकार ने 10 कंपनियों का भी चयन किया है जिनमें जियो प्लेटफॉर्म, टाटा कम्युनिकेशंस, हीरानंदानी समूह समर्थित योटा, ई2ई नेटवर्क, सीएमएस कंप्यूटर, सीटीआरएलएस डेटासेंटर, लोकुज एंटरप्राइज सॉल्यूशंस, नेक्स्टजेन डेटासेंटर, ओरिएंट टेक्नोलॉजीज और वेन्सिस्को टेक्नोलॉजी शामिल हैं। उन्होंने बताया कि पिछले लगभग डेढ़ सालों में हमारी टीमें शोधकर्ताओं, प्रोफेसरों और स्टार्टअप आदि के साथ मिलकर इस संबंध में काम कर रही हैं और इसी के तहत आज हम खुद के AI मॉडल को विकसित करने के लिए प्रस्ताव आमंत्रित कर रहे हैं। सरकार इसके लिए कुछ अन्य डेवलपर्स से भी संपर्क कर रही है।
अश्विनी वैष्णव ने विश्वास जताया कि आने वाले कुछ समय में हमारे पास विश्वस्तर का आधारभूत मॉडल होगा। इतना ही नहीं सरकार जल्द ही कॉमन कंप्यूट सुविधा भी शुरू करेगी, जहां से स्टार्टअप और शोधकर्ता कंप्यूटिंग पावर का उपयोग कर सकेंगे। सरकार इसके लिए अंतिम उपयोगकर्ताओं को कुल कीमत पर 40 प्रतिशत सब्सिडी भी देगी। आपको बता दें कि अभी तक भारत को AI, ChatGPT और DeepSeek R1 जैसी तकनीकी के लिए दूसरे देशों पर निर्भर रहना पड़ता है मगर अब इस क्षेत्र में भी भारत सक्षम होने जा रहा है।