बेंगलुरु। कहावत है दीया तले अंधेरा और दूसरी बात ये कि कहने को कोई कुछ भी कह दे, लेकिन हकीकत में उसे लागू करना आसान नहीं होता। अब एनआर नारायणमूर्ति को ही लीजिए। एनआर नारायणमूर्ति ने पिछले साल ही हर हफ्ते 70 घंटे काम करने की वकालत की थी। नारायणमूर्ति के इस बयान पर सोशल मीडिया में जमकर चर्चा हुई थी। इस चर्चा के दौरान लोगों ने नारायणमूर्ति पर जमकर कटाक्ष भी किए थे। अब बात करते हैं नारायणमूर्ति की बनाई कंपनी इन्फोसिस की। इन्फोसिस ने अपने कर्मचारियों से जीवन और काम के बीच बैलेंस बनाने के लिए कहा है। इकोनॉमिक टाइम्स की खबर के मुताबिक इन्फोसिस का एचआर डिपार्टमेंट नजर रख रहा है कि कर्मचारी कितनी देर दफ्तर में बिता रहे हैं। यहां तक कि इन्फोसिस की तरफ से ज्यादा वक्त तक काम करने वाले कर्मचारियों को ई-मेल भेजकर कहा जा रहा है कि वे अपने स्वास्थ्य पर ध्यान दें।
इन्फोसिस के जो भी कर्मचारी रोज 9.15 घंटे से ज्यादा काम कर रहे, उनको एचआर की तरफ से ई-मेल भेजा जा रहा है। इन्फोसिस में सप्ताह में 5 दिन ही कर्मचारी काम करते हैं। एक कर्मचारी ने इकोनॉमिक टाइम्स को बताया कि हमें हफ्ते में 5 दिन 9.15 घंटे काम करना होता है। अगर इससे ज्यादा काम किया, तो ई-मेल आ जाता है। ई-मेल में बताया जाता है कि दफ्तर से दूर रहकर कितने दिन कर्मचारी ने काम किया, कितने घंटे काम किया और हर दिन कितने घंटे काम किया। ई-मेल में बताया जाता है कि संबंधित कर्मचारी को काम और स्वास्थ्य के बीच सामंजस्य बनाकर रखना चाहिए। इन्फोसिस की तरफ से कर्मचारियों को बीच-बीच में ब्रेक लेने का भी सुझाव दिया जाता है। साथ ही ये भी कहा गया है कि अगर बहुत ज्यादा काम है, तो इस बारे में भी बताएं और खुद को रिचार्ज करने के लिए काम से दूर रहें।
इन्फोसिस ने काम के लिए हाइब्रिड मॉडल लागू किया। जिसके बाद ही कर्मचारियों के स्वास्थ्य के बारे में कंपनी ने सोचना भी शुरू किया। इन्फोसिस ने 20 नवंबर 2023 से इस मॉडल को लागू किया। जिसमें कर्मचारियों को हर महीने कम से कम 10 दिन दफ्तर आना पड़ता है। इन्फोसिस ने ये कदम इसलिए उठाया है क्योंकि ऐसा देखने में आया है कि प्रोफेशनल कम नींद, समय पर भोजन न करने और ज्यादा काम की वजह से दिल संबंधी बीमारियों का शिकार हो रहे हैं। इन्फोसिस में 323000 कर्मचारी काम करते हैं।