News Room Post

Message Traceability Rule: TRAI का मैसेज ट्रेसिबिलिटी नियम लागू, जानिए क्या होगा 120 करोड़ मोबाइल यूजर्स पर असर

Message Traceability Rule: यह नियम पहले 1 नवंबर को लागू किया जाना था। हालांकि, टेलीकॉम ऑपरेटर्स की तैयारियां पूरी न होने के कारण इसे 30 नवंबर और फिर 10 दिसंबर तक टाला गया। टेलीकॉम कंपनियों जैसे Jio, Airtel, Vi और BSNL ने दलील दी थी कि बैंक और अन्य बिजनेस एंटिटीज इस नियम के लिए तकनीकी रूप से तैयार नहीं हैं। इसके बावजूद, TRAI ने आज से इसे प्रभावी कर दिया है।

नई दिल्ली। भारतीय दूरसंचार नियामक प्राधिकरण (TRAI) ने देशभर के 120 करोड़ से अधिक मोबाइल यूजर्स की सुरक्षा के लिए मैसेज ट्रेसिबिलिटी नियम को आज, 11 दिसंबर 2024 से लागू कर दिया है। इस नियम का उद्देश्य SMS के जरिए होने वाले फर्जीवाड़े और साइबर फ्रॉड को रोकना है। हाल के वर्षों में फर्जी कमर्शियल मैसेज और अनधिकृत कॉल्स के जरिए ऑनलाइन फ्रॉड के मामले तेजी से बढ़े हैं। एक रिपोर्ट के अनुसार, भारत में ऑनलाइन फ्रॉड के मामलों में 3,000 प्रतिशत तक की वृद्धि दर्ज की गई है। TRAI के इस नए नियम का उद्देश्य हैकर्स द्वारा भेजे जाने वाले फर्जी मैसेज को नेटवर्क स्तर पर ही रोकना और उनकी पूरी चेन को ट्रेस करना है।

क्या है मैसेज ट्रेसिबिलिटी नियम?

मैसेज ट्रेसिबिलिटी नियम के तहत, टेलीकॉम ऑपरेटर्स को उपयोगकर्ताओं के मोबाइल पर आने वाले हर मैसेज की चेन को ट्रैक करने की क्षमता होगी। इससे

TRAI के निर्देशानुसार, किसी भी अनवेरिफाइड सोर्स से आने वाले मैसेज, जिनमें URL या APK फाइल लिंक हो, उन्हें ब्लॉक किया जाएगा।

देरी के कारण और चुनौतियां

यह नियम पहले 1 नवंबर को लागू किया जाना था। हालांकि, टेलीकॉम ऑपरेटर्स की तैयारियां पूरी न होने के कारण इसे 30 नवंबर और फिर 10 दिसंबर तक टाला गया। टेलीकॉम कंपनियों जैसे Jio, Airtel, Vi और BSNL ने दलील दी थी कि बैंक और अन्य बिजनेस एंटिटीज इस नियम के लिए तकनीकी रूप से तैयार नहीं हैं। इसके बावजूद, TRAI ने आज से इसे प्रभावी कर दिया है।

OTP मिलने में देरी की चिंता

कुछ उपयोगकर्ताओं के बीच यह चिंता थी कि OTP डिलीवरी में देरी हो सकती है। लेकिन TRAI ने स्पष्ट किया है कि 95 प्रतिशत मैसेज बिना किसी रुकावट के डिलीवर हो रहे हैं। केवल 5 प्रतिशत मैसेज पर ही इसका थोड़ा असर होगा, जो जल्द ही ठीक हो जाएगा।

क्या होंगे फायदे?

  1.  हैकर्स के फर्जी मैसेज और कॉल्स नेटवर्क स्तर पर ब्लॉक होंगे।
  2. केवल रजिस्टर्ड और वेरिफाइड एंटिटीज के मैसेज यूजर्स तक पहुंचेंगे।
  3. यूजर्स को अनचाहे मैसेज और कॉल्स से छुटकारा मिलेगा।

इंडस्ट्री डेटा और प्रगति

TRAI के अनुसार, 30 नवंबर तक 27,000 प्रिंसिपल एंटिटीज (PE) ने मैसेज ट्रेसिबिलिटी चेन के लिए खुद को रजिस्टर कराया है।
हर दिन भारत में 1.5 से 1.7 बिलियन कमर्शियल मैसेज भेजे जाते हैं। नए नियम के तहत केवल रजिस्टर्ड एंटिटीज के मैसेज ही डिलीवर होंगे, जबकि अनरजिस्टर्ड मैसेज को ब्लॉक किया जाएगा।

 

Exit mobile version