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International Relations : सैन्य तानाशाहों को दिए हथियार और हमको बस फालतू सलाह.. जयशंकर ने रूसी हथियारों के सवाल पर अमेरिका को धो डाला

International Relations : सैन्य तानाशाहों को दिए हथियार और हमको बस फालतू सलाह.. जयशंकर ने रूसी हथियारों के सवाल पर अमेरिका को धो डाला

नई दिल्ली। भारत के विदेश मंत्री एस जयशंकर इस वक्त ऑस्ट्रेलिया की यात्रा पर है। जहां पर वह एक के बाद एक ऐसी कूटनीतिक चालें चल रहे हैं जिसको देख कर पड़ोसी मुल्क पाकिस्तान भी उनकी तारीफ कर रहा है। रविवार को ऑस्ट्रेलिया की राजधानी कैनबरा में जयशंकर ने ऑस्ट्रेलिया के विदेश मंत्री पेनी वॉन्ग के साथ संयुक्त प्रेस कॉन्फ्रेंस की। यहां उन्होंने रूस से जुड़े एक सवाल पर पश्चिमी देशों को अपने अंदाज में आड़े-हाथों लिया।

उन्होंने रूस से हथियार खरीदने को लेकर कहा कि पश्चिमी देशों ने दशकों तक भारत को हथियार नहीं दिया। इसलिए रूस से हथियार लेना पड़ा। इसके साथ ही जयशंकर ने कहा कि भारत को हथियार देने की जगह पश्चिमी देशों ने पाकिस्तान की सैन्य तानाशाही सरकार को हथियार दिए और वो उन्हीं हथियारों को अपने पड़ोसी देशों के ऊपर इस्तेमाल करते हैं।

गौरतलब है कि विदेश मंत्री एस जयशंकर सोमवार को कैनबरा पहुंचे। यहां उनका तिरंगा सम्मान के साथ स्वागत किया गया। इसके तहत ऑस्ट्रेलिया का संसद भवन तिरंगा के रंगों से चमकता हुआ दिखाई दिया। इसपर विदेश मंत्री ने ट्वीट कर कहा, ‘कैनबरा में हमारे स्वागत को पहुंचा। ऑस्ट्रेलिया की संसद को तिरंगा रंग में रंगा देख कर खुशी हुई।’ विदेश मंत्री एस जयशंकर की यह इस साल ऑस्ट्रेलिया की दूसरी यात्रा है। इससे पहले वह फरवरी 2022 में क्वाड के विदेश मंत्रियों की माटिंग में शामिल हुए थे। एस जयशंकर की कूटनीतिक सूझ बूझ से आज भारत की विदेश नीति दुनिया की सबसे बेहतरीन विदेश नीतियों में से एक मानी जा रही है।

इतिहास उठाकर देखें तो रूस-भारत के अच्छे रहे हैं संबंध

रूस के साथ संबंधों पर बोलते हुए विदेश मंत्री एस जयशंकर ने कहा, ‘रूस के साथ हमारे लंबे समय से संबंध हैं और दोनों देशों के बीच ही ये अच्छे रहे हैं। हमारे पास सोवियत और रूसी मूल के हथियार पर्याप्त मात्रा में हैं। रूसी हथियार कुछ खास कारणों से बढ़े हैं, उनमें से सबसे बड़ा कारण है कि दशकों तक पश्चिमी देशों ने भारत को हथियारों को आपूर्ति नहीं की। वह हमारे बगल में सैन्य तानाशाहों (पाकिस्तान) को पसंदीदा भागीदार के तौर पर देख रहा था।

हम आंतरिक राजनीति में ऐसे निर्णय लेते हैं जो हमारे भविष्य और वर्तमान की स्थिति को प्रतिबिंबित करे।’ विदेश मंत्री ने अप्रत्यक्ष रूप से अमेरिका पर निशाना साधा है। गौरतलब है कि रूस व यूक्रेन मामले पर भारत की चुप्पी की वजह से अमेरिका इस वक्त भारत पर दबाव बनाने का प्रयास कर रहा है। जिसको लेकर विदेश मंत्री एस जयशंकर लगातार अमेरिका पर तल्ख रख अपना जा रहे हैं।

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