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दिल्ली पैरालंपिक समिति की अध्यक्ष ने इंडिया हैबिटेट सेंटर के निदेशक प्रो. के.जी. सुरेश से की मुलाकात

श्रीमती पारुल सिंह महिला मोर्चा की एक सक्रिय नेता हैं और लंबे समय से ABVP से जुड़ी रही हैं। वह नरेंद्र मोदी विचार मंच की महिला इकाई की राष्ट्रीय अध्यक्ष के रूप में कार्यरत हैं। जमीनी स्तर पर उनके सामाजिक कार्यों को सराहा गया है, खासकर दिव्यांग खिलाड़ियों के सशक्तिकरण और उन्हें मुख्यधारा के खेलों से जोड़ने की दिशा में उनके सतत प्रयासों को।

नई दिल्ली। दिल्ली पैरालंपिक समिति की अध्यक्ष श्रीमती पारुल सिंह ने हाल ही में इंडिया हैबिटेट सेंटर (IHC) के निदेशक प्रो. के.जी. सुरेश से मुलाकात की। इस दौरान आने वाले पैरास्पोर्ट्स कार्यक्रमों और समावेशिता पर केंद्रित पहलों में संभावित सहयोग पर विस्तार से चर्चा हुई।

यह मुलाकात उस प्रतिष्ठित वैश्विक आयोजन से पहले हुई है, जिसे पहली बार सितंबर–अक्तूबर 2025 में नई दिल्ली में आयोजित किया जाएगा। इस चैंपियनशिप में 100 से अधिक देशों के पैरा-एथलीटों के भाग लेने की उम्मीद है, जिससे यह राजधानी में अब तक के सबसे बड़े अंतरराष्ट्रीय खेल आयोजनों में से एक बन जाएगा।

साथ ही, IHC जैसे सांस्कृतिक व सार्वजनिक मंचों का उपयोग कैसे समावेशी खेल वातावरण तैयार करने में किया जा सकता है, पर भी विचार किया गया।

श्रीमती पारुल सिंह महिला मोर्चा की एक सक्रिय नेता हैं और लंबे समय से ABVP से जुड़ी रही हैं। वह नरेंद्र मोदी विचार मंच की महिला इकाई की राष्ट्रीय अध्यक्ष के रूप में कार्यरत हैं। जमीनी स्तर पर उनके सामाजिक कार्यों को सराहा गया है, खासकर दिव्यांग खिलाड़ियों के सशक्तिकरण और उन्हें मुख्यधारा के खेलों से जोड़ने की दिशा में उनके सतत प्रयासों को।

मुलाकात के बाद प्रो. सुरेश ने कहा:
“दिल्ली पैरालंपिक समिति और श्रीमती पारुल सिंह जिस प्रतिबद्धता के साथ काम कर रहे हैं, वह सराहनीय है। उनका योगदान ज़मीनी स्तर पर दिखाई देता है, और यही सबसे महत्वपूर्ण है। IHC उनकी इस पहल में हरसंभव सहयोग देने के लिए तैयार है।”

प्रो. के.जी. सुरेश पत्रकारिता, जनसंचार और संस्थान निर्माण के क्षेत्र में एक अनुभवी शख्सियत हैं। वह माखनलाल चतुर्वेदी राष्ट्रीय पत्रकारिता एवं संचार विश्वविद्यालय, भोपाल के कुलपति और भारतीय जनसंचार संस्थान (IIMC) के महानिदेशक के रूप में भी अपनी सेवाएं दे चुके हैं। मीडिया रणनीति और सार्वजनिक संवाद में उनके अनुभव से पैरास्पोर्ट्स को लेकर समर्थन और जागरूकता को नई दिशा मिलने की उम्मीद है।

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