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जीकेयू में एआई पर अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन, अमेरिका के साथ एमओयू साइन

फ्रेंड्स यूनिवर्सिटी (अमेरिका) के डॉ. भार्गव ने अपने विचार साझा करते हुए कहा, "एआई परमाणु ऊर्जा की तरह है, यदि सही दिशा में इस्तेमाल किया जाए तो यह मानवता के लिए वरदान है, अन्यथा इसके दुष्परिणाम भी हो सकते हैं।"

नई दिल्ली। गुरु काशी विश्वविद्यालय (जीकेयू) के फैकल्टी ऑफ कंप्यूटिंग द्वारा “इननोवेशन एंड एप्लिकेशन ऑफ आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस” विषय पर दो दिवसीय अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन का सफल आयोजन किया गया। सम्मेलन में अमेरिका की फ्रेंड्स यूनिवर्सिटी, बांग्लादेश की ढाका इंटरनेशनल यूनिवर्सिटी, नेपाल की काठमांडू यूनिवर्सिटी और इथियोपिया की गम्बेला यूनिवर्सिटी सहित 23 देशों और भारत के 11 राज्यों से कुल 505 शोधकर्ताओं और विद्यार्थियों ने भाग लिया।

सम्मेलन का उद्घाटन मुख्य अतिथि प्रो. (डा.) मदन मोहन गोयल (पूर्व कुलपति, जगन्नाथ यूनिवर्सिटी, जयपुर) ने किया। उन्होंने अपने संबोधन में कहा, “आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस को ‘नीडनामिक्स’ से जोड़कर मानवता की भलाई के लिए इस्तेमाल करना समय की मांग है। एआई का विवेकपूर्ण और सकारात्मक उपयोग समाज के हर वर्ग को लाभ पहुंचा सकता है।”

इस अवसर पर जीकेयू और अमेरिका की फ्रेंड्स यूनिवर्सिटी के बीच अकादमिक और अनुसंधान सहयोग के लिए एक द्विपक्षीय समझौता (एमओयू) भी साइन किया गया। इस एमओयू के तहत संयुक्त शोध, अकादमिक आदान-प्रदान और नवाचार को बढ़ावा मिलेगा।

चांसलर गुरलाभ सिंह सिद्धू ने कहा, “गुरु काशी यूनिवर्सिटी एआई और मशीन लर्निंग में वैश्विक स्तर की शिक्षा सुविधाएं प्रदान करने के लिए प्रतिबद्ध है। हमारा लक्ष्य विद्यार्थियों को भविष्य की तकनीक में दक्ष बनाना है।”

कुलपति डा. रामेश्वर सिंह ने कहा, “आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस मानव जीवन के हर क्षेत्र को प्रभावित कर रहा है। अगर हम इसका सही दिशा में उपयोग करें तो इससे समाज में रोजगार के नए अवसर और विकास की असीम संभावनाएं पैदा हो सकती हैं।”

फ्रेंड्स यूनिवर्सिटी (अमेरिका) के डॉ. भार्गव ने अपने विचार साझा करते हुए कहा, “एआई परमाणु ऊर्जा की तरह है, यदि सही दिशा में इस्तेमाल किया जाए तो यह मानवता के लिए वरदान है, अन्यथा इसके दुष्परिणाम भी हो सकते हैं।”

इस दौरान प्रतियोगिताओं का भी आयोजन किया गया जिसमें, विद्यार्थियों द्वारा प्रस्तुत पोस्टर और प्रोजेक्ट्स ने सम्मेलन को जीवंत बना दिया। प्रतियोगिता में गुरु काशी यूनिवर्सिटी के छात्रों द्वारा तैयार किया गया रोबोटिक मॉडल प्रथम स्थान पर रहा, जिसे फ्रेंड्स यूनिवर्सिटी के अधिकारियों ने विशेष रूप से सराहा।

स्कूली छात्रों की प्रस्तुति प्रतियोगिता में संस्कार स्कूल, तलवंडी साबो ने पहला स्थान प्राप्त किया, जबकि सिल्वर ऑक्स स्कूल, बठिंडा की अनन्या गुप्ता ने दूसरा और रबाब सिद्धू ने तीसरा स्थान प्राप्त किया। “शिक्षा में एआई” विषय पर आयोजित प्रतियोगिता में संस्कार स्कूल ने प्रथम, अर्शप्रीत कौर ने द्वितीय और मनप्रीत कौर ने तृतीय स्थान पाया।

सम्मेलन के दौरान 28 सदस्यीय अंतरराष्ट्रीय सलाहकार बोर्ड ने आगामी आईसीआईएआई 2025 सम्मेलन का प्रारूप भी तैयार किया, जो जीकेयू के लिए एक नई उपलब्धि के द्वार खोलेगा।

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