नई दिल्ली। ऑर्थोटिक्स एंड प्रोस्थेटिक्स एसोसिएशन ऑफ इंडिया (ओपीएआई) के दिल्ली चैप्टर ने आज प्रेस क्लब ऑफ इंडिया, नई दिल्ली में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस आयोजित की, जो आगामी 5 नवंबर 2024 को अंतर्राष्ट्रीय प्रोस्थेटिक्स और ऑर्थोटिक्स दिवस के आयोजन का सूत्रपात करेगी। यह महत्वपूर्ण कार्यक्रम हिंदी भवन, 11, विष्णु दिगंबर मार्ग, नई दिल्ली में आयोजित होगा, जिसका उद्देश्य प्रोस्थेटिक्स और ऑर्थोटिक्स क्षेत्र के पेशेवरों, समर्थकों, और हितधारकों को एक मंच पर लाना है।
प्रेस कॉन्फ्रेंस में क्षेत्र के प्रमुख विशेषज्ञों, स्वास्थ्य पेशेवरों और मीडिया प्रतिनिधियों ने भाग लिया और उन समाधानों पर चर्चा की जो दिव्यांगजनों के जीवन को सुधारने में मदद कर रहे हैं। इस आयोजन में जागरूकता, पहुंच, और सरकारी सहभागिता की आवश्यकता को प्रमुखता दी गई, साथ ही पैरालंपिक एथलीटों के लिए नीति-स्तर पर समर्थन का आग्रह किया गया।
ओपीएआई के दिल्ली चैप्टर के आयोजन सचिव, अगेंद्र कुमार ने संगठन की मंशा को साझा करते हुए कहा, “यह आयोजन केवल तकनीकी प्रगति का प्रदर्शन नहीं है, बल्कि उन पेशेवरों को भी सलामी है, जो अनगिनत लोगों के जीवन में गतिशीलता और स्वतंत्रता लाने में अहम भूमिका निभाते हैं। हमारा मानना है कि प्रत्येक व्यक्ति को समाज में सम्मान और पूर्ण भागीदारी के साथ जीवन जीने का अधिकार है।”
डॉ. एम. सी. दास (राष्ट्रीय अध्यक्ष), डॉ. आनंद भट्ट (राष्ट्रीय उपाध्यक्ष) ने प्रोस्थेटिक्स और ऑर्थोटिक्स में हो रहे तकनीकी नवाचारों को उजागर किया और इनसे मिलने वाले जीवन के नए अवसरों की बात की। उन्होंने कहा, “हम पुनर्वास के क्षेत्र में एक क्रांतिकारी बदलाव देख रहे हैं और यह जरूरी है कि ये नवाचार सभी तक पहुंचे।”
डॉ. विजय गुलाटी (वरिष्ठ प्रोस्थेटिस्ट और ऑर्थोटिस्ट) और डॉ. जी. पांडियन (असिस्टेंट प्रोफेसर और मैनेजर) ने कहा, “यह आयोजन हमें यह याद दिलाता है कि गतिशीलता और पहुंच हर व्यक्ति के कल्याण का अभिन्न हिस्सा हैं। ओपीएआई का मिशन है कि हम नवाचार, समावेश और जागरूकता को बढ़ावा दें और यह सुनिश्चित करें कि प्रोस्थेटिक्स और ऑर्थोटिक्स समाधान उन सभी तक पहुंचे जिनकी उन्हें जरूरत है।”
राजेश दास (अध्यक्ष, ओपीएआई दिल्ली चैप्टर), तपस पी. बेहरा (कोषाध्यक्ष) और शंभु यादव (उपाध्यक्ष) ने कहा, “यह आयोजन ओपीएआई की इस प्रतिबद्धता को दर्शाता है कि हम दिव्यांगजनों को नवीनतम समाधानों के माध्यम से सशक्त बना रहे हैं और स्वास्थ्य सेवा प्रदाताओं, नीति निर्माताओं और उद्योग विशेषज्ञों के बीच सहयोग को प्रोत्साहित कर रहे हैं।”
राकेश कुमार और दिलीप राजपूत (प्रोस्थेटिस्ट और ऑर्थोटिस्ट) ने जीवन को सशक्त बनाने में अपने प्रयासों पर जोर दिया, वहीं अमर सिंह गर्ग (संयुक्त सचिव) ने दिव्यांगजनों के अधिकारों की वकालत के प्रति अपनी प्रतिबद्धता जताई। विमल ओबेरॉय (वरिष्ठ पी एंड ओ) और रजनीश शर्मा (सहायक प्रोफेसर) ने इस दिशा में अपना योगदान साझा किया।
5 नवंबर के आयोजन का विशेष महत्व
इस प्रेस कॉन्फ्रेंस ने 5 नवंबर को आयोजित होने वाले प्रमुख कार्यक्रम की भूमिका बांध दी, जिसमें इंटरैक्टिव सत्र, कार्यशालाएं और नीतिगत चर्चा होंगी। ओपीएआई ने भारत सरकार से अनुरोध किया है कि प्रोस्थेटिस्ट्स और ऑर्थोटिस्ट्स को निर्णय प्रक्रियाओं में शामिल किया जाए और पैरालंपिक एथलीटों को पूरा सहयोग दिया जाए ताकि वे अपनी पूरी क्षमता तक पहुंच सकें।