शुक्रवार को पटना में हुई विपक्षी दलों की बैठक में पार्टियां एकराय बनाने में तो नाकाम रही हीं साथ ही देश की सबसे पुरानी सियासी पार्टी को लेकर सबसे ज्यादा सवाल खड़े हो गए | विपक्षी दलों की एकता अगर हुई और बीजेपी के एक प्रत्याशी के मुकाबले अगर विपक्ष का एक ही साझा प्रत्याशी उतारने का फैसला हुआ, तो इससे क्षेत्रीय दल तो फायदे में रहेंगे, लेकिन कांग्रेस दिक्कत में आ सकती है | वजह ये है कि कांग्रेस का राज्यों में दबदबा कम है |