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Irony: इमरजेंसी के बाद अब श्रीलंका सरकार ने दबाई आम लोगों की आवाज, सोशल मीडिया को किया ब्लैकआउट

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कोलंबो। श्रीलंका में हालात और खराब होते दिख रहे हैं। देश की माली हालत खराब होने पर भड़का आम लोगों का गुस्सा शांत नहीं हो रहा है और हिंसा को रोकने के लिए सरकार ने पूरे देश में कर्फ्यू लगा रखा है। हर जगह सेना और सुरक्षाबल तैनात हैं। इसके साथ अब लोगों की आवाज दबाने के लिए सोशल मीडिया को भी पूरी तरह ब्लैकआउट कर दिया गया है। दूसरी तरफ, लोगों को राहत पहुंचाने के लिए भारत ने अच्छे पड़ोसी का धर्म निभाने के तहत 40000 मीट्रिक टन डीजल और चावल की बड़ी खेप श्रीलंका भेजी है। इससे वहां 17 फीसदी से ऊपर जा चुकी महंगाई से परेशान आम जनता को राहत मिलने की उम्मीद है।

श्रीलंका सरकार ने सोशल मीडिया को ब्लैकआउट करने के बाद सभी प्लेटफॉर्म को आम लोगों की पहुंच से दूर कर सूचना के मौलिक अधिकार को खत्म कर दिया है। इस बैन से फेसबुक, ट्विटर, वाट्सएप, यूट्यूब, स्नैपचैट, टिकटॉक और इंस्टाग्राम समेत करीब 24 प्लेटफॉर्म दिखने बंद हो गए हैं। डिजिटल अधिकारों पर नजर रखने वाली संस्था नेटब्लॉक्स ने इसकी पुष्टि की है। उसने कहा है कि रियल टाइम डेटा से पता चल रहा है कि श्रीलंका की गोटाबाया राजपक्षे सरकार ने पूरे देश में सोशल मीडिया को ब्लैकआउट कर दिया है।

इससे पहले रविवार को पूर्व नियोजित जनता के विरोध से पहले ही सरकार ने शनिवार को हुई हिंसा को आधार बनाकर सोमवार तक देशभर में कर्फ्यू का एलान कर दिया था। आपातकाल का गजट भी जारी हुआ था। श्रीलंका में माली हालत इतनी खराब है कि वहां गंभीर बिजली संकट खड़ा हो गया है। 2 करोड़ की आबादी वाले देश में 13-14 घंटे तक बिजली काटी जा रही है। बिजली बचाने के लिए सरकार ने स्ट्रीट लाइट्स तक बंद करा दी है।

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