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Nobel Prize: 1955 में हंगरी के जोलनोक में जन्मी कैटालिन कारिको ने 1982 में सेज्ड विश्वविद्यालय से पीएचडी की, उसके बाद हंगेरियन एकेडमी ऑफ साइंसेज में पोस्टडॉक्टरल फेलोशिप प्राप्त की। बाद में पेंसिल्वेनिया विश्वविद्यालय में सहायक प्रोफेसर बनने से पहले, उन्होंने फिलाडेल्फिया में टेम्पल यूनिवर्सिटी में अपना पोस्टडॉक्टरल शोध पूरा किया।

अब्दुल रहमान मक्की लश्कर-ए-तैयबा का डिप्टी चीफ है। मुंबई पर 2008 के सबसे बड़े आतंकी हमले समेत कई घटनाओं में अब्दुल रहमान मक्की का बतौर साजिशकर्ता नाम आया था। अब्दुल रहमान मक्की का नाम संयुक्त राष्ट्र की वैश्विक आतंकियों की लिस्ट में भी है।

मीडिया की खबरों के मुताबिक जिन भिखारियों को सऊदी अरब जाते वक्त फ्लाइट से उतारा गया, उनमें 11 महिलाएं और बच्चे भी हैं। एफआईए की पूछताछ में सभी ने माना है कि वो उमरा का नाम लेकर सऊदी अरब जा रहे थे और वहां भीख मांगकर जीना चाहते थे। तो ये है पाकिस्तान में कंगाली का मौजूदा आलम।

हरमन सिंह का कहना है कि वो हमेशा खालिस्तान का विरोध करते हैं। यही बात खालिस्तानी आतंकियों और उनके मददगारों को पसंद नहीं आती। बीते 8 महीने में हरमन पर हमले के अलावा उनको धमकियां भी दी जा रही हैं। उनका पता और फोन नंबर भी खालिस्तानी समर्थकों ने सार्वजनिक कर दिए हैं।

मोहम्मद मुइज ने प्रोग्रेसिव पार्टी ऑफ मालदीव (पीपीएम) के उम्मीदवार के तौर पर चुनाव लड़ा था। उनके विपक्ष में मौजूदा राष्ट्रपति इब्राहिम मोहम्मद सोलिह थे। सोलिह को भारत समर्थक माना जाता है। मोहम्मद मुइज ने बड़े अंतर से सोलिह को हरा दिया। माले के मेयर मोहम्मद मुइज को 53 फीसदी वोट मिले।

इससे पहले भी पाकिस्तान में भारत विरोधी गतिविधियां करने वाले तमाम बड़े आतंकियों को अज्ञात लोगों ने मारा है। लश्कर के ही जिया-उर रहमान को बीते दिनों कुछ लोगों ने मार दिया था। अल बद्र के खालिद रजा को भी कुछ दिन पहले हमलावरों ने मार दिया था। अब मुफ्ती कैसर फारुख की हत्या हो गई है।

ग्लासगो में भारतीय उच्चायुक्त विक्रम दोरईस्वामी पर हमले की कोशिश की ये घटना तब हुई है, जबकि ब्रिटेन के पीएम ऋषि सुनक ने बीते दिनों साफ लहजे में कहा था कि वो अपने देश में किसी भी खालिस्तानी आंदोलन को बर्दाश्त करने वाले नहीं हैं। भारतीय उच्चायुक्त किसी तरह वहां से बचकर निकले।

विदेश मंत्री जयशंकर ने कनाडा मामले में पूरे सिख समुदाय को लपेटे जाने संबंधी आरोपों को गलत बताया। उन्होंने कहा कि मोदी सरकार ने पिछले 10 साल में सिख समुदाय के तमाम मुद्दों को सुलझाया है। उन्होंने कहा कि अभी कनाडा को लेकर जो चर्चा हो रही है, वो सभी सिखों का मसला नहीं है। ये कुछ लोगों का मामला है।

Pakistan Fight During Live Tv Show: पाकिस्तान आज दुनिया के आगे भीख मांगने को मजबूर है लेकिन आवाम की बजाय वो तो भारत के खिलाफ जहर उगलने में ही मशगूल रहते हैं। अगर भारत से उनकी निगाहें कुछ समय के लिए हट भी जाए तो भी वो अपने ही विरोधी दलों के साथ विवाद में ही मशगूल रहते हैं। अब ये सारी बातें हम केवल ऐसे ही नहीं कह रहे। बकायदा हमारे पास तो इसका वीडियो भी है।