News Room Post

Pakistan: सत्ता गंवाने के बाद इमरान के इस खुलासे से पाकिस्तान में मचा हड़कंप, लेकिन खुद की भी लगवा ली वॉट

Imran Khan

नई दिल्ली। पाकिस्तान में आर्थिक दुश्वारियां कोई नई बात नहीं है। भुखमरी, कंगाली, बेबसी, लाचारी, बदहाली और बेरोजगारी सरीखे मसले वहां की सियासत में हमेशा ही छाए रहते हैं। इन्हीं सभी मसलों कों ध्यान में रखते हुए बीते दिनों इमरान खान को वजीर-ए-आजम की कुर्सी गंवानी पड़ी थी और अब शासन की बागडोर शहबाज शरीफ के हाथों में आ चुकी है, लेकिन अफसोस सत्ता परिवर्तन होने के बावजूद भी वहां की आर्थिक बदहाली में किसी भी प्रकार का परिवर्तन देखने को नहीं मिल रहा है। आज भी पाकिस्तान में आर्थिक बदहाली अपने चरम पर है। युवा वर्ग बेरोजगारी का शिकार हैं। बच्चे कुपोषित हैं। देश का बड़ा वर्ग उच्च तालीम से महरूम है, लेकिन अफसोस वहां के सर्वेसर्वा इन मसलों से बेखबर हैं। लेकिन, अब इसी बीच पूर्व प्रधानमंत्री पाकिस्तान तहरीक ए इंसाफ पार्टी के मुखिया इमरान खान ने कुछ ऐसा कह दिया है, जिसके बाद पूरे पाकिस्तान में हड़कंप मच चुका है। आइए, आपको विस्तार से बताते हैं।

इमरान का बड़ा खुलासा

दरअसल, इमरान खान ने कहा कि वो दिन दूर नहीं है, जब पाकिस्तान में भी श्रीलंका जैसी हालत पूरी दुनिया को देखने को मिलेगी। युवा सड़क पर आ चुके हैं। सरकार के खिलाफ मोर्च खोल चुके हैं। लेकिन, सरकार के पास अभी-भी मौका है कि आगामी समस्याओं को भांपते हुए स्थिति को नियंत्रित कर लें, नहीं तो समस्याएं अति गंभीर हो सकती हैं। गौर करने वाली बात है कि ये बातें किसी और ने नहीं, बल्कि पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री रह चुके इमरान खान ने कही है, लिहाजा उनकी बातों पर गंभीरता से विचार किया जाना चाहिए, क्योंकि वे देश के प्रधानमंत्री रह चुके हैं, लिहाजा वे देश की व्यवस्थाओं से बखूबी वाकिफ हैं। लेकिन, यहां सवाल यह है कि अगर इमरान खान पाकिस्तान की दुश्वारियों  इतनी बखूबी वाकिफ ही थे, तो अपने कार्यकाल में उन्होंने इनका निदान करने में कोई सक्रियता क्यों नहीं दिखाई थी।

आखिर उन्होंने किसी भी प्रकार की लापरवाही क्यों बरती। आखिर क्यों उन्होंने अपनी निष्क्रियता से देश का बेडागर्क करने का काम किया था। यह अपने आम में बड़ा सवाल है।  आपको बता दें कि इमरान खान ने उपरोक्त बयान पंजाब में वोटिंग से पहले जारी किया है, जिसमें उन्होंने मुख्तलिफ मसलों पर अपनी राय जाहिर की है और मौजूदा सरकार को भी निशाने पर लिया है। अब ऐसे में देखना होगा कि आगामी दिनों में उनके बयान को लेकर पाकिस्तान की राजनीति में क्या तासीर देखने को मिलती है।

Exit mobile version