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Sri Lanka Crisis: श्रीलंका में जारी आर्थिक बदहाली से भड़की जनता, तो गंवानी पड़ी रानिल विक्रमसिंधे को सत्ता, देना पड़ा PM पद से इस्तीफा

नई दिल्ली। वैसे तो श्रीलंका में पिछले कई दिनों से आर्थिक बदहाली की बयार बह रही है, लेकिन आज तो लोगों का गुस्सा मौजूदा हुकूमत के खिलाफ भड़क उठा। गुस्साएं लोग सड़कों पर उतरकर मौजूदा सरकार के खिलाफ विरोध प्रदर्शन करने सड़कोंं पर आ गए। किसी के हाथों में बैनर तो किसी के हाथों में तख्तियां थी। सबकी यही मांग थी कि मौजूदा सरकार को सत्ता से अपदस्थ किया जाए, चूंकि इनकी कूनीतियों की वजह देश की अर्थव्यवस्था गर्त में पहुंच चुकी है। कमरतोड़ महंगाई से आम लोगों का जीना मुहाल हो चुका है। बेरोजगारी लोगों को लपेटे में लिए जा रही है। भुखमरी जैसे हालात पैदा हो चुके हैं और सरकार इस ओर कोई भी ध्यान नहीं दे रही है। ऐसे में वहां की जनता का भड़कना लाजिमी था।

बता दें कि प्रदर्शनकारियों ने राष्ट्रपति गोटबाया राजपक्षे के आवास को चौतरफा घेर लिया। प्रदर्शनकारी राष्ट्रपति के आवास में जबरन दाखिल हो गए। इस दौरान प्रदर्शनकारी राष्ट्रपति और प्रधानमंत्री के इस्तीफे की मांग करने लगे। उधर, अब इस बीच खबर आई है कि प्रधानमंत्री रानिल विक्रमसिंघे ने प्रधानमंत्री पद से इस्तीफा दे दिया। ध्यान रहे कि प्रदर्शनकारियों की तरफ से उनके इस्तीफे की मांग की जा रही थी। अब राष्ट्रपति के इस्तीफे की मांग जोर पकड़ रही है, लेकिन अभी तक इस बात की खबर नहीं है कि गोटबाया कब तक इस्तीफा देते हैं। वहीं, देश में जारी उथल-पुथल के बीच प्रधानमंत्री रानिल विक्रमसिंघे ने आपातकालीन बैठक बुलाई थी, जिसमें सभी मंत्रियों ने अपनी  मौजूदगी दर्ज कराई। इस दौरान प्रधानमंत्री ने अपने पद से इस्तीफा देने का ऐलान कर दिया।

बता दें कि रानिल विक्रमसिंघे ने खुद अपने इस्तीफे की जानकारी सार्वजनिक की है, जिसमें उन्होंने कहा है कि आज पार्टी नेताओं की बैठक में सभी नागरिकों की सुरक्षा समेत सरकार की निरंतरता को सुनिश्चित करने के लिए सर्वदलीय सरकार बनाने का फैसला लिया गया। मैं इस फैसले को आसान बनाने के लिए प्रधानमंत्री पद से इस्तीफा देता हूं। वहीं, देश के संचालन हेतु वहां आगामी 30 दिनों के लिए कार्यवाहक राष्ट्रपति बनाए जाने की मांग जोर पकड़ रही है। उधर, कहा जा रहा है कि जल्द से जल्द सर्वदलीय सरकार बनाने की दिशा में रूपरेखा तैयार की जाए, ताकि देश में एक स्थायी सरकार बन सकें। ध्यान रहे कि श्रीलंका की आवाम का गुस्सा ही इस बात को लेकर था कि मौजूदा सरकार की कुनीतियों की वजह आज जनता त्राही-त्राहि कर रही है। अब ऐसी स्थिति में यह देखना होगा कि आगामी दिनों में राजनीति  समेत आर्थिक मोर्चे पर श्रीलंका की स्थिति क्या रुख अख्तियार करती है। तब तक के लिए आप देश दुनिया की तमाम बड़ी खबरों से रूबरू होने के लिए पढ़ते रहिए। न्यूज रूम पोस्ट.कॉम

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