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Russia-Ukraine War: रूस-यूक्रेन जंग में रूसी सेना में शामिल भारतीय नागरिक की मौत, विदेश मंत्रालय ने मांगी भारतीयों की रिहाई

नई दिल्ली। रूस-यूक्रेन युद्ध में रूसी सेना की ओर से लड़ रहे एक भारतीय नागरिक की मौत हो गई है। मृतक की पहचान 32 वर्षीय बिनिल टी बी के रूप में हुई है, जो केरल के त्रिशूर जिले के वडक्कंचेरी के निवासी थे। इसके साथ ही, उनका एक रिश्तेदार जैन टी के घायल हुआ है, जिसका इलाज मास्को के एक अस्पताल में चल रहा है।

विदेश मंत्रालय का बयान

विदेश मंत्रालय ने इस घटना पर शोक व्यक्त करते हुए कहा, “हमें केरल के एक भारतीय नागरिक की दुर्भाग्यपूर्ण मौत के बारे में जानकारी मिली है, जो रूसी सेना में सेवा दे रहा था। घायल व्यक्ति को हर संभव सहायता प्रदान की जा रही है। हम मृतक के परिवार के प्रति अपनी गहरी संवेदनाएं व्यक्त करते हैं।”

भारतीयों की जल्द रिहाई की मांग

रूस में लड़ रहे भारतीय नागरिकों को लेकर विदेश मंत्रालय ने कड़ा रुख अपनाया है। मंत्रालय ने रूसी अधिकारियों से अनुरोध किया है कि सेना में काम कर रहे भारतीय नागरिकों को जल्द से जल्द कार्यमुक्त किया जाए। मंत्रालय ने कहा कि मॉस्को स्थित भारतीय दूतावास मृतक के परिवार के संपर्क में है और पार्थिव शरीर को भारत लाने की प्रक्रिया जारी है।

विदेश मंत्रालय ने 14 जनवरी नई दिल्ली में रूसी दूतावास और मास्को में रूसी अधिकारियों से मुलाकात कर घायल व्यक्ति की रिहाई और भारत वापसी की मांग की है।

मृतक और घायल व्यक्ति के परिवारों ने बताया कि कुछ दिन पहले उन्हें एक संदेश मिला, जिसमें कहा गया था कि दोनों एक ड्रोन हमले में घायल हुए हैं। इसके बाद से परिवार का उनसे संपर्क नहीं हो पाया। मंत्रालय ने बताया कि मॉस्को स्थित भारतीय दूतावास और वहां मौजूद अधिकारी इन परिवारों के लिए हर संभव मदद कर रहे हैं। मंत्रालय ने कहा, “हम मृतक के शव को शीघ्र भारत लाने और घायल को छुट्टी देकर भारत भेजने की हर संभव कोशिश कर रहे हैं।”

भारतीय नागरिक क्यों हुए रूसी सेना में शामिल?

बिनिल टी बी और उनके रिश्तेदार जैन टी के कुछ समय पहले रूस गए थे और संभवतः वहां की सेना में काम करने लगे। परिवार को उम्मीद है कि भारतीय नागरिक जल्द से जल्द स्वदेश लौट आएंगे। इस घटना ने विदेशों में नौकरी के अवसरों के नाम पर भारतीय युवाओं के युद्ध जैसे खतरनाक क्षेत्रों में शामिल होने के मुद्दे को उजागर किया है। विदेश मंत्रालय ने आश्वासन दिया है कि ऐसे सभी भारतीय नागरिकों को जल्द स्वदेश लाने की हरसंभव कोशिश की जाएगी।

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