News Room Post

India-Bangaldesh Relations: बांग्लादेश में सरकार परिवर्तन के बाद भारत विरोधी गतिविधियों में तेजी, अंसारुल्लाह बांग्ला टीम के नेता की धमकी

नई दिल्ली। बांग्लादेश में शेख हसीना की सरकार के पतन के बाद भारत विरोधी षड्यंत्र रचने की घटनाओं में तेजी आई है। हाल ही में नोबल पुरस्कार विजेता मोहम्मद यूनुस की अंतरिम सरकार द्वारा अल कायदा से जुड़े इस्लामी समूह अंसारुल्लाह बांग्ला टीम (ABT) के नेता जसीमुद्दीन रहमानी को जेल से रिहा किया गया है। इसके तुरंत बाद, रहमानी ने एक वीडियो संदेश के माध्यम से भारत के खिलाफ खुलेआम बयानबाजी की और धमकियां दीं। 6 सितंबर को यूट्यूब पर अपलोड किए गए एक वीडियो में रहमानी ने भारत को चेतावनी देते हुए पांच एक्शन प्लान की घोषणा की। उसने कहा, “बांग्लादेश कोई छोटा देश नहीं है, यह 18 करोड़ मुसलमानों का देश है। यदि भारत बांग्लादेश के खिलाफ कोई कदम उठाता है, तो हम चीन से कहेंगे कि वह सिलीगुड़ी कॉरिडोर (चिकन नेक) को बंद कर दे और भारत के पूर्वोत्तर राज्यों (सेवन सिस्टर्स) को आजादी की मांग करने के लिए प्रोत्साहित करेंगे।”


खालिस्तान, कश्मीर और ममता बनर्जी पर बयान

रहमानी ने अपने भाषण में भारत के खिलाफ कई विवादित बयान दिए:

1. उसने खालिस्तान समर्थक तत्वों के साथ सहयोग करने की कसम खाई और कहा कि खालिस्तान आंदोलन के लिए क्रांति का समय आ गया है।
2. जम्मू-कश्मीर की आजादी के लिए पाकिस्तान और अफगानिस्तान को शामिल करने की योजना बनाई।
3. पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी से भारत से बंगाल को स्वतंत्र कराने की अपील की।
4. सिलीगुड़ी कॉरिडोर को बंद करने की धमकी दी, जो भारतीय मुख्य भूमि को पूर्वोत्तर राज्यों से जोड़ता है।
5. अंत में, उसने दावा किया कि तौहीद (इस्लाम में ईश्वर की एकता) के झंडे जल्द ही दिल्ली में लहराएंगे।

पाकिस्तान का समर्थन और कश्मीर पर अपील

रहमानी ने कश्मीर मुद्दे पर पाकिस्तान का समर्थन करते हुए कश्मीरियों से आजादी की तैयारी करने की अपील की। उसने पाकिस्तान और अफगानिस्तान से भी कश्मीर की आजादी के लिए समर्थन देने और काम करने का आह्वान किया।

भारत को तोड़ने की धमकी

अपने भड़काऊ बयान में रहमानी ने भारत को तोड़ने की धमकी देते हुए कहा कि दिल्ली की शाही मस्जिद में जल्द ही तौहीद के झंडे लहराए जाएंगे। उसने भारतीय मुसलमानों से इस्लाम का पालन करने और भारत की मौजूदा सरकार के खिलाफ खड़े होने की अपील की।

 

Exit mobile version