नई दिल्ली। बांग्लादेश में इस्कॉन पर बैन लगाने से वहां के हाईकोर्ट ने इनकार कर दिया है। हाईकोर्ट बेंच ने कहा कि वो अंतरिम सरकार द्वारा इस्कॉन के खिलाफ की जाने वाली कार्रवाई से संतुष्ट है इसलिए इस मामले में स्वत: संज्ञान की जरूरत नहीं है। बांग्लादेश में इस्कॉन को कट्टरपंथी आतंकवादी संगठन बताते हुए इस पर बैन की मांग उठाई जा रही है। इसी संबंध में बांग्लादेश की सुप्रीम कोर्ट के वकील मोनिरुज्जमां ने हाईकोर्ट में इस्कॉन पर प्रतिबंध लगाने की मांग वाली अर्जी दाखिल की थी। इस अर्जी पर सुनवाई करते हुए हाईकोर्ट के जस्टिस फराह महबूब और जस्टिस देबाशीष रॉय चौधरी की बेंच ने फैसला सुनाते हुए इस्कॉन को फौरी राहत प्रदान की है।
हाल ही में इस्कॉन के पुजारी चिन्मय कृष्ण दास प्रभु को बांग्लादेश की पुलिस ने गिरफ्तार किया है। इतना ही नहीं उन पर राजद्रोह के तहत कार्रवाई की जा रही है। दरअसल चिन्मय कृष्ण दास बांग्लादेश के चटगांव में पिछले दिनों हिंदुओं पर हुए हमले का विरोध कर रहे थे। उन्होंने 22 नवंबर को प्रदर्शन किया था जिसमें बड़ी संख्या में हिंदू समुदाय के लोग शामिल हुए थे। चिन्मय कृष्ण दास ने हिंदुओं से एकजुट होने और अत्याचार के खिलाफ आवाज उठाने की अपील की थी। उन्होंने बांग्लादेश में हिंदू मंदिरों की सुरक्षा को लेकर भी चिंता जताई थी। इसी के बाद उनको गिरफ्तार कर लिया गया। अदालत ने चिन्मय कृष्ण दास की जमानत याचिका भी खारिज कर दी है।
उधर चिन्मय कृष्ण की गिरफ्तारी के विरोध में हिंदूओं ने शांति पूर्वक प्रदर्शन शुरू किया जिसके बाद जमात-ए-इस्लामी के कट्टरपंथी कार्यकर्ताओं ने हिंदुओं पर हमला कर दिया। इस हमले में हिंदू समुदाय के 50 से ज्यादा लोग घायल हो गए थे। उधर भारतीय विदेश मंत्रालय ने चिन्मय कृष्ण की गिरफ़्तारी और उनकी जमानत न दिए जाने को लेकर गहरी चिंता जताई है। भारत ने बांग्लादेश से हिंदुओं और अल्पसंख्यकों की सुरक्षा सुनिश्चित करने का आग्रह किया है।