ढाका। बांग्लादेश में सेना प्रमुख जनरल वकार उज जमान के साथ तनातनी की खबरों के बीच अंतरिम सरकार के मुख्य सलाहकार मोहम्मद यूनुस की तरफ से धमकी भरा बयान आया है। मोहम्मद यूनुस के दफ्तर ने कहा है कि अगर कोई कार्रवाई सरकार की स्वायत्तता, सुधार की कोशिशों, न्याय की प्रक्रिया, स्वतंत्र और निष्पक्ष चुनावों या सामान्य प्रशासनिक कामकाज में बाधा बनी और इसके कारण सरकार खुद को मिली जिम्मेदारी को पूरा करने में नाकाम रही, तो सरकार जनता से बातचीत कर जरूरी फैसला करेगी। यानी अगर सेना ने कोई कदम उठाया, तो मोहम्मद यूनुस जनता के साथ मिलकर अगला कदम उठाएंगे।
दरअसल, बांग्लादेश में लगातार राजनीतिक अनिश्चितता बढ़ती जा रही है। सेना प्रमुख वकार उज जमान और खालिदा जिया की बांग्लादेश नेशनलिस्ट पार्टी (बीएनपी) ने अंतरिम सरकार से मांग की है कि दिसंबर 2025 तक बांग्लादेश में आम चुनाव कराए जाएं। बीते दिनों बांग्लादेश के सेना प्रमुख वकार उज जमान ने एक बयान भी दिया था। उसमें बांग्लादेश के सेना प्रमुख ने कहा था कि अंतरिम सरकार को देश के संसाधनों वगैरा पर अहम फैसले लेने का हक नहीं है। सेना प्रमुख ने इसकी वजह ये बताई थी कि अंतरिम सरकार जनता की ओर से चुनी गई नहीं है। जनरल वकार उज जमान के बयान से साफ लग रहा कि बांग्लादेश में सेना और मुख्य सलाहकार मोहम्मद यूनुस के बीच तनातनी है। हालांकि, दोनों ही पक्षों ने एक-दूसरे का नाम लेते हुए कुछ नहीं कहा है।
बांग्लादेश में मौजूदा हालात 5 अगस्त 2024 से बने हैं। उस तारीख को तत्कालीन पीएम शेख हसीना बांग्लादेश छोड़कर भारत आ गई थीं। जिसके बाद मोहम्मद यूनुस को मुख्य सलाहकार बनाते हुए बांग्लादेश में अंतरिम सरकार का गठन हुआ। मोहम्मद यूनुस के सत्ता संभालने के बाद बांग्लादेश में जमकर हिंसा भी हुई और अल्पसंख्यक हिंदुओं पर कट्टरपंथियों ने खूब अत्याचार किए। बांग्लादेश में छात्रों के आंदोलन के उग्र होने की वजह से शेख हसीना को जान बचाने के लिए भागना पड़ा था। अब देखना ये है कि मोहम्मद यूनुस ने जिस तरह की धमकी भरी बात कही है, उसके बाद बांग्लादेश के सेना प्रमुख वकार उज जमान कोई कदम उठाते हैं या फिलहाल यथास्थिति बनी रहती है।