नई दिल्ली। कोई गुरेज नहीं यह कहने में कि पहले महज भारत को ही मंदिरों के केंद्र बिंदु के रूप में देखा जाता था, लेकिन पिछले कुछ दिनों से वैश्विक मंच पर जिस तरह से सनातन का झंडा बुलंद हुआ है, वो यकीनन काबिल-ए-तारीफ है। वैश्विक मंच पर अभी अबू धाबी और अमेरिका के न्यू जर्सी में जारी निर्माणाधीन मंदिर की चर्चा अपने चरम पर है। न्यू जर्सी में मंदिर निर्माण का कार्य संपन्न हो चुका है। उद्घाटन की तारीख भी घोषित हो चुकी है। आगामी 8 अक्टूबर को जहां मंदिर का उद्घाटन किया जाएगा, तो वहीं 18 अक्टूबर को मंदिर के कपाट आम श्रद्धालुओं के लिए खोल दिए जाएंगे। वहीं, अबू धाबी और अमेरिका के हिंदू मंदिर ने वैश्विक मंच पर लोगों का ध्यान अपनी ओर खींचा है।
अमेरिका और विशेष रूप से अबू धाबी में बनने वाले बीएपीएस हिंदू मंदिर अपनी भव्यता और विशाल अपील के कारण वैश्विक समुदाय का ध्यान खींच रहे हैं। आज स्वामी बनने वाले भक्तों और अनुयायियों की संख्या बढ़ रही है और कई लोग अध्यात्म के बीएपीएस मॉडल को अपना रहे हैं। बीएपीएस द्वारा प्रचलित हिंदू आस्था के प्रति लोगों का बढ़ता झुकाव सोशल मीडिया पर उनकी अभिव्यक्ति से स्पष्ट है। BAPS टेम्पल्स के सोशल मीडिया हैंडल के अकाउंट से पता चलता है कि लाइक और फॉलोअर्स की सूची लगातार बढ़ रही है और नए सदस्य जुड़ रहे हैं।
वहीं, 2008 में स्थापित BAPS के X (जिसे पहले ट्विटर कहा जाता था) पर 47.5 फॉलोअर्स हैं, जबकि दिल्ली के अक्षरधाम मंदिर के X हैंडल पर 6,000 से अधिक फॉलोअर्स हैं। लंदन में बीएपीएस हिंदू मंदिर में स्थानीय और विदेशी पर्यटक आते हैं, जबकि अबू धाबी में बनने वाला हिंदू मंदिर पहले से ही वैश्विक सुर्खियां बटोर रहा है। इसका उद्घाटन अगले वर्ष होना तय है। न्यू जर्सी में आगामी बीएपीएस मंदिर में एनआरआई भारतीयों के साथ-साथ स्थानीय अमेरिकी नागरिकों ने भी भारी रुचि दिखाई है।
Last weekend, visitors from across the UK came to #NeasdenTemple as part of #OpenHouseFestival. We asked a few to share their thoughts ⬇️
The Temple is open to visitors all year round!
For more information on visiting times, click the link in bio. pic.twitter.com/RT4mejKICD
— Neasden Temple (@NeasdenTemple) September 22, 2023
BAPS एक सामाजिक-आध्यात्मिक हिंदू आस्था है, जिसकी जड़ें वेदों में हैं। इसे 18वीं शताब्दी के अंत में भगवान स्वामीनारायण द्वारा प्रकट किया गया था और 1907 में शास्त्री जी महाराज द्वारा स्थापित किया गया था। अनजान लोगों के लिए बीएपीएस स्वामीनारायण संस्था अपने मंदिरों और केंद्रों के माध्यम से दुनिया भर के लोगों तक पहुंचती है। आज दुनिया भर में लगभग 1100 मंदिर और 3850 आध्यात्मिक केंद्र हैं, जो BAPS ग्लोबल नेटवर्क के तहत संचालित होते हैं। वे सभी उम्र पृष्ठभूमि और मान्यताओं के लोगों के लिए सामान्य पूजा स्थल के रूप में काम करते हैं। बीएपीएस के अनुमान के अनुसार, स्वामीनारायण के लाखों अनुयायी हैं, जो अपने दिन की शुरुआत पूजा और दवा से करते हैं और दूसरों की सेवा करते हुए ईमानदार और सच्चे तरीकों से जीवन जीने का प्रयास करते हैं।