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BAPS Saint Meet LDS Church Officials: एलडीएस चर्च के प्रथम अध्यक्ष मंडल से बीएपीएस के संत ब्रह्मविहारिदास स्वामी ने की मुलाकात, वैश्विक शांति के साथ सेवा और मानवीय सहयोग पर हुई चर्चा

BAPS Saint Meet LDS Church Officials: इस दौरान अबू धाबी में निर्मित BAPS हिन्दू मंदिर पर भी विशेष चर्चा हुई। इस मंदिर के निर्माण को LDS चर्च के नेताओं ने धार्मिक सहिष्णुता और संस्कृति के सह-अस्तित्व का अद्वितीय प्रतीक बताया। यह ऐतिहासिक संवाद बीएपीएस की वैश्विक नेतृत्व क्षमता और मानवता के कल्याण के लिए किए जा रहे सेवा प्रयासों का परिचायक बना।

सॉल्ट लेक सिटी (अमेरिका)। बीएपीएस स्वामीनारायण संस्था के वरिष्ठ संत पूज्य ब्रह्मविहारिदास स्वामी तथा अन्य संतों और स्वयंसेवकों ने The Church of Jesus Christ of Latter-day Saints (LDS Church) के प्रथम अध्यक्ष मंडल से यूटाह राज्य की सॉल्ट लेक सिटी स्थित वैश्विक मुख्यालय में शिष्टाचार मुलाकात की।

LDS चर्च, जिसे आमतौर पर “मॉर्मन चर्च” कहा जाता है। यह एक वैश्विक ईसाई संस्था है। जिसके 17 मिलियन से अधिक अनुयायी और 160 से अधिक देशों में 30000 से अधिक सभाएं हैं। यह मुलाकात दो विश्वस्तरीय आध्यात्मिक संस्थाओं के बीच अंतरधार्मिक संवाद की दिशा में एक ऐतिहासिक कदम थी। पूज्य स्वामी ने चर्च के प्रमुख सेवा एवं सांस्कृतिक केंद्रों जैसे वेलफेयर स्क्वायर स्थित डेज़रेट इंडस्ट्रीज और टेम्पल स्क्वायर के कॉन्फ्रेंस सेंटर का भी दौरा किया। इन जगहों पर उन्होंने एक लाइव ऑर्गन संगीत कार्यक्रम को भी देखा। इस मुलाकात का सबसे विशेष क्षण चर्च के सर्वोच्च नेतृत्व मंडल First Presidency के साथ संवाद रहा। इस संवाद में पूज्य स्वामी जी ने प्रेसिडेंट डैलिन एच. ओक्स और प्रेसिडेंट हेनरी बी. आइरिंग से विशेष रूप से भेंट की। चर्च के वरिष्ठ नेता जैसे एल्डर डेविड ए. बेडनर, एल्डर पैट्रिक कीयरन, एल्डर एंथनी डी. पर्किंस और एल्डर मैथ्यू एस. हॉलैंड भी इस अवसर पर उपस्थित रहे।

इस मुलाकात में वैश्विक सेवा, शांति और मानवीय सहयोग पर अर्थपूर्ण चर्चा हुई। दोनों पक्षों ने साझा किया कि आज के युग में आध्यात्मिक संस्थाएं किस तरह करुणामय, समन्वित और शांतिपूर्ण विश्व के निर्माण में प्रमुख भूमिका निभा सकती हैं। इस दौरान अबू धाबी में निर्मित BAPS हिन्दू मंदिर पर भी विशेष चर्चा हुई। इस मंदिर के निर्माण को LDS चर्च के नेताओं ने धार्मिक सहिष्णुता और संस्कृति के सह-अस्तित्व का अद्वितीय प्रतीक बताया। यह ऐतिहासिक संवाद बीएपीएस की वैश्विक नेतृत्व क्षमता और मानवता के कल्याण के लिए किए जा रहे सेवा प्रयासों का परिचायक बना। यह एक ऐसा दृष्टिकोण है जो आस्था, संवाद और सेवा के माध्यम से विश्व को जोड़ने का संकल्प रखता है।

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