News Room Post

Covid-19: कोरोना की वैक्सीन लगवा ली है तो भी रहें सावधान, अब ये खतरनाक तथ्य आए सामने

vaccine

वॉशिंगटन/ओस्लो। अगर आपने कोरोना वैक्सीन की एक या दोनों डोज लगवा ली हैं, तो भी सावधान रहने की जरूरत है। आपको भले ही कोरोना न हो, लेकिन आप वैक्सीन न लगवाने वालों के लिए बड़ा खतरा बन सकते हैं। साथ ही यह बात भी विशेषज्ञ कह रहे हैं कि वैक्सीन का एक या दो डोज लेना ही काफी नहीं रहेगा। अमेरिका के सेंटर फॉर डिजीज कंट्रोल CDC की निदेशक रोशेल वेलेंस्की का ताजा बयान इस खतरे के बारे में बता रहा है। रोशेल ने CNN से कहा कि वैक्सीन लगवाने वालों को तो कोरोना वायरस से खतरा कम हो जाता है, लेकिन वे वैक्सीन न लगवाने वालों को वायरस दे सकते हैं। इससे पहले मार्च में उन्होंने दावा किया था कि वैक्सीन लगवाने वाले लोग कोरोना वायरस के कैरियर नहीं होते।
वहीं, इस साल जुलाई के अंत में सीडीसी निदेशक का कहना था कि कोरोना वैक्सीन किसी भी देश के लोगों के लिए पासपोर्ट के तौर पर काम करते हैं। वैक्सीन लगवाने वाले लोग सार्वजनिक जगहों पर जाने के लिए आजाद हैं। फिर भी रोशेल वेलेंस्की का बयान यह बताता है कि वह वैक्सीनेशन को लेकर ज्यादा जानकारी नहीं रखती हैं। उदाहरण के तौर पर भारत में वैक्सीनेशन की दर करीब 8 फीसदी है। यहां डेल्टा वैरिएंट आया और पूरे देश में छा गया। तमाम लोग कोरोना से पीड़ित हुए और मौतें भी हुईं, लेकिन कोरोना का ये वैरिएंट जितनी तेजी से आया था, उतनी ही तेजी से चला गया।

बीते दिनों न्यूज एजेंसी रायटर्स ने सरकार की ओर से किए गए सीरो सर्वे के आंकड़े देते हुए बताए थे कि करीब 68 फीसदी भारतीयों में कोरोना की एंटीबॉडी हैं। इससे डेल्टा वैरिएंट से जूझने में वे सफल रहे। वहीं, रोशेल के बयान के बाद अमेरिका में फ्लोरिडा स्टेट के गवर्नर रॉन डेसैंटिस का कहना है कि कोरोना की वैक्सीन सीजनल फ्लू से बचाने के लिए दी जाने वाली वैक्सीन के बूस्टर डोज की तरह हैं। इससे फ्लू नहीं रुकता, लेकिन बुजुर्गों और कम इम्युनिटी वाले लोगों का बचाव होता है। उधर, स्वीडन के एक एक्सपर्ट मैटी सैलबर्ग का कहना है कि कोरोना की वैक्सीन के एक या दो डोज लेना काफी नहीं है। उनके मुताबिक हर व्यक्ति को बूस्टर के तौर पर कम से कम पांच डोज लेने होंगे। तभी उन्हें वायरस से लड़ने के लिए ताकत मिलेगी।

बता दें कि अमेरिका और तमाम देशों में इस वक्त कोरोना का डेल्टा वैरिएंट फैला हुआ है। इससे हजारों लोग रोज बीमार हो रहे हैं और सैकड़ों अपनी जान गंवा रहे हैं। फिलहाल कोविशील्ड और कोवैक्सीन को डेल्टा वैरिएंट के खिलाफ सबसे असरदार माना जा रहा है, लेकिन विशेषज्ञों के ताजा बयान यह सवाल खड़ा कर रहे हैं कि लोगों को वैक्सीन की कितनी डोज लेनी होंगी ?

Exit mobile version