वेलिंगटन। भारत से भगोड़े कारोबारी ललित मोदी को जोर का झटका लगा है। ललित मोदी ने बीते दिनों छोटे से देश वनुआतु की नागरिकता ली थी, लेकिन अब वनुआतु के पीएम जोथम नापत के निर्देश पर ललित मोदी की नागरिकता रद्द कर दी है। अखबार वनुआतु डेली पोस्ट ने ये खबर दी है। अखबार के मुताबिक भारत की तरफ से दबाव डाला गया था और फिर वनुआतु के पीएम ने ललित मोदी की नागरिकता रद्द करने का फैसला किया। अखबार का कहना है कि न्यूजीलैंड में भारत की उच्चायुक्त नीता भूषण ने ललित मोदी की नागरिकता रद्द कराने के लिए वनुआतु की सरकार से बातचीत की थी। जिसके बाद ललित मोदी को वनुआतु ने अपनी नागरिकता से वंचित कर दिया।
Vanuatu Prime Minister Jotham Napat directs the Citizenship Commission to cancel the Vanuatu passport issued to Lalit Modi. pic.twitter.com/Ogqgqv5JZj
— Press Trust of India (@PTI_News) March 10, 2025
बताया जा रहा है कि वनुआतु सरकार को पता नहीं था कि ललित मोदी भारत से भगोड़ा है। ललित मोदी साल 2010 में ही भारत से भागकर लंदन में रहने लगा। वनुआतु के अखबार के मुताबिक कुछ खुलासों के बाद सरकार ने ललित मोदी की नागरिकता रद्द करने का फैसला किया है। इससे पहले ललित मोदी ने वनुआतु की नागरिकता मिलने के बाद 7 मार्च 2025 को अपना भारतीय पासपोर्ट सरेंडर किया था। विदेश मंत्रालय ने भी पुष्टि की थी कि ललित मोदी ने लंदन स्थित भारत के उच्चायोग में भारत का पासपोर्ट जमा कराया है। वनुआतु में तमाम लोग नागरिकता लेते हैं। यहां करीब 1 करोड़ रुपए के बराबर मुद्रा जमा करने पर सरकार नागरिकता दे देती है।
ललित मोदी बीसीसीआई का उपाध्यक्ष रहा है। ललित मोदी पर आरोप है कि बीसीसीआई का उपाध्यक्ष रहते वक्त अनधिकृत तौर पर रकम ट्रांसफर की। इसके अलावा मनी लॉन्ड्रिंग और विदेशी मुद्रा प्रबंधन कानून यानी फेमा के उल्लंघन का भी ललित मोदी पर आरोप है। ललित मोदी 2008 से 2010 तक आईपीएल कमिश्नर के पद पर भी रहा है। भारतीय एजेंसियों ने ललित मोदी को भगोड़ा करार दे रखा है। अब वनुआतु की नागरिकता रद्द होने के बाद ललित मोदी का संकट बढ़ने के आसार हैं। अगर ललित मोदी का पासपोर्ट अब भारत सरकार रद्द कर देती है, तो लंदन से उसके प्रत्यर्पण में भी आसानी होगी।