नई दिल्ली। एक तरफ पाकिस्तान में आर्थिक संकट की वजह से अंदरूनी हालात खराब हैं तो वहीं दूसरी तरफ पड़ोसी देश के नासमझ विदेश मंत्री बिलावल भुट्टो ने एक बार फिर से भारत के खिलाफ जहर उगला है। बौराए बिलावल भुट्टो ने भारत को निशाने पर रखने के चक्कर में अनाप-शनाप कहना शुरू कर दिया। इस बार बिलावल ने स्विटजरलैंड के दावोस में चल रहे वर्ल्ड इकोनॉमिक फोरम में एक चर्चा के दौरान यूक्रेन से कश्मीर की तुलना की है। पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी के अध्यक्ष बिलावल भुट्टो ने कहा कि शांति स्थापना की दिशा में कूटनीतिक प्रक्रिया में शामिल होने के लिए दोनों पक्षों को सक्रिय होना होगा और एक जैसा दृष्टिकोण अपनाना जरूरी है।
आपको बता दें कि कश्मीर के बारे में दुखड़ा रोते हुए भुट्टो ने कहा कि जब बात कश्मीर की आती है तो संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद का प्रस्ताव महज एक कागज का टुकड़ा भर बनकर रह जाता है, जबकि वही प्रस्ताव पश्चिमी और यूपोपीय देशों के लिए काफी अहम बन जाता है। यूक्रेन संकट के दुष्परिणामों का जिक्र करते हुए बिलावल ने कहा कि इस युद्ध की वजह से पेट्रोलियम पदार्थों और अनाज की कीमतों में बेतहाशा इजाफा हुआ है। बिलावल ने कहा कि यूक्रेन के युद्ध का प्रभाव सिर्फ यूरोप तक न रहकर पाकिस्तान तक भी पहुंचा है। बिलावल ने दावोल के विश्व मंच पर अपने देश की जर्जर अर्थव्यवस्था का भी रोना रोया और कहा कि यूक्रेन संकट की वजह से पाकिस्तान में गैस, बिजली और अनाज का संकट आ गया है। बिलावल ने कहा कि यह बिडंबना है कि संयुक्त राष्ट्र के कानून न तो यूक्रेन में लागू हो रहे न ही इराक में। दोनों ही देशों को लेकर संयुक्त राष्ट्र महासंघ के कानून दोनों देशों को लेकर फेल रहे हैं।