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दवाओं की खेप पहुंचने पर भारत का कायल हुआ ब्रिटेन, कही ये बात

नई दिल्ली। कोरोना महामारी से दुनिया के बड़े-बड़े देश त्रस्त नजर आ रहे हैं, ऐसे में हाइड्रॉक्सीक्लोरोक्वीन और पैरासिटामोल जैसी दवाएं थोड़ी उम्मीद की किरण दिखा रही हैं। इन दवाओं का भारत सबसे बड़ा उत्पादक है, ऐसे में सभी देशों की निगाहें भारत द्वारा की जा रही मदद पर टिकी हुई है। पिछले कुछ दिनों में भारत ने अमेरिका, इजरायल समेत कई देशों को इन दवाइयों की खेप पहुंचाई है।

इसी कड़ी में भारत द्वारा ब्रिटेन को भी पैरासिटामोल के 28 लाख पैकेट की पहली खेप पहुंचाई गई तो ब्रिटेन सरकार ने भारत की जमकर सराहना की और भारत का आभार जताया। ब्रिटेन की तरफ से अपने और भारत के बीच संबंधों की तारीफ की। बता दें कि ब्रिटेन में अब यह दवा कोरोना की रोकथाम के लिए सुपरमार्केट और खुदरा दवा दुकानों तक पहुंचाई जाएगी।

व्यापार मंत्री लिज ट्रस की ओर से जारी बयान में कहा कि इसका अभिप्राय है कि पैरासिटामोल के करीब तीस लाख और पैकेट ब्रिटेन की दवा दुकानों में उपलब्ध होंगे। उन्होंने कहा कि दशकों में कोरोना वायरस ऐसा सबसे बड़ा खतरा है, जिसका सामना हम कर रहे हैं। इसलिए यह आवश्यक है कि हम वैश्विक कारोबार जारी रखने और आपूर्ति मार्ग खुला रखने के लिए मिलकर काम करें।

उन्होंने कहा कि, मैं भारत और ब्रिटेन के उन अधिकारियों को धन्यवाद देना चाहती हूं, जिन्होंने इस समझौते पर काम किया और मैं भविष्य में भारत एवं अन्य देशों के साथ मिलकर कोविड-19 की हार सुनिश्चित करने के लिए काम करना चाहती हूं।

बता दें कि पैरासिटामोल के 28 लाख पैकेट की यह खेप भारत द्वारा आवश्यक दवाओं के निर्यात में ढील देने के बाद यहां पहुंची है। ब्रिटेन की सराहना से पहले अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने भी भारत द्वारा हाइड्रॉक्सीक्लोरोक्वीन टैबलेट पाने के बाद भारत और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की तारीफ की थी। ट्रंप ने भारत की ओर से कोरोना के इलाज में कारगर माने जा रहे मेलेरिया की दवाई हाइड्रोक्सीक्लोरोक्वीन दिए जाने के बाद कहा कि अमेरिका इस मदद को कभी नहीं भुला पाएगा। उन्होंने भारत, भारत के लोगों और पीएम मोदी को इसके लिए धन्यवाद दिया।

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