वॉशिंगटन/लंदन। कोरोना की तीसरी लहर ने दुनिया में हाहाकार मचा रखा है। यूरोप और अमेरिका में महामारी जबरदस्त तौर पर फैली है। अमेरिका में यूनाइटेड स्टेट सेंटर फॉर डिजीज कंट्रोल एंड प्रिवेंशन CDC के मुताबिक इस बार की कोरोना लहर में वहां सबसे ज्यादा बच्चे ही बीमार हो रहे हैं। सीडीसी के अनुसार अमेरिका में हर दिन 17 साल से कम उम्र के 893 बच्चों को कोरोना के कारण अस्पतालों में भर्ती कराना पड़ रहा है। पिछले साल अगस्त से अब तक 90 हजार से ज्यादा बच्चों को कोरोना हुआ और उन्हें अस्पतालों में भर्ती कराना पड़ा। जिन बच्चों को कोरोना अपनी गिरफ्त में ले रहा है, उनमें से ज्यादातर 4 साल तक की उम्र के हैं। इन बच्चों के लिए अभी कोई टीका मंजूर नहीं किया गया है।
सीडीसी ने आशंका जताई है कि आने वाले दिनों में और बच्चों को भी कोरोना अपनी गिरफ्त में लेगा। साथ ही उनके अस्पतालों में भर्ती होने का आंकड़ा भी बढ़ सकता है। सीडीसी ने ऐसे में अमेरिका की सरकार को सलाह दी है कि 5 और उससे ज्यादा साल के बच्चों को भी वैक्सीन हर हालत में लगाई जाए। ताकि इस आयुवर्ग के बच्चों को कम से कम कोरोना से बचाया जा सके। अमेरिका की एकेडमी ऑफ पिडियाट्रिक्स के मुताबिक पिछले साल दिसंबर से अब तक बच्चों के बीमार होने और अस्पताल में दाखिल कराने के मामलों में लगातार बढ़ोतरी देखी जा रही है। बच्चों को कोरोना होने से उनके पैरेंट्स पर भी जबरदस्त दबाव है।
इस बीच, अच्छी खबर यूरोप से आ रही है। ब्रिटेन, फ्रांस और इटली में कोरोना के मरीजों की संख्या अब लगातार कम हो रही है। ब्रिटेन में पिछले दो दिन के मुकाबले कोरोना मरीजों की तादाद में गिरावट देखी गई। बीते 24 घंटे में ब्रिटेन में 70160 नए कोरोना मरीज मिले। इससे पहले वहां 4 जनवरी को 2.18 लाख केस मिले थे। फ्रांस में एक दिन में 278129 केस मिले हैं। वहां 11 जनवरी को 3.59 लाख नए मरीज मिले थे। इटली के बारे में पता चला है कि वहां भी कोरोना के नए मरीज कम मिल रहे हैं। ऐसे में आसार हैं कि फरवरी के अंत तक यूरोप के सभी देशों में कोरोना के इक्का दुक्का केस ही मिलेंगे।