नई दिल्ली। चीन की सरकार एक लंबे वक्त से पाकिस्तान को लोन देकर विकास कार्यों को बढ़ावा देने की नकली कोशिश कर रही है। वहीं अपनी सरजमीं पर आतंकवाद को बढ़ावा देने के चलते पड़ोसी मुल्क पाकिस्तान की इकॉनमी ध्वस्त होने के कगार पर आ चुकी है। विदेशी कर्जों के बल पर पाकिस्तान किसी तरह से अपना देश चला रहा है। पाकिस्तान की सरकार अपने देश में बढ़ती महंगाई से निपटने के लिए कभी चीन की गोद में कर्ज लेने के लिए जाकर बैठती है तो कभी किसी दूसरे देश के पास पहुंच जाती है। पाकिस्तान में बीते कुछ वर्षों से इसी तरह चीन का एक बड़ा प्रोजेक्ट चल रहा है, जिसका मुद्दा हाल ही में पाकिस्तान ने उठाया। इस प्रोजेक्ट के चलते पाकिस्तान बर्बादी की कगार पर पहुंच गया है।
पाकिस्तान का चीन को आदेश ! प्रोजेक्ट में तेजी लाओ
आपको बता दें कि CPEC की 11वीं संयुक्त सहयोग समिति (जेसीसी) की एक बैठक हुई, जहां पाकिस्तान ने चीन से 18.5 अरब डॉलर की पांच परियोजनाओं को तेजी से आगे बढ़ाने का आग्रह किया। ‘द एक्सप्रेस ट्रिब्यून’ की रिपोर्ट के अनुसार, पाकिस्तान के योजना मंत्री अहसान इकबाल ने आशंका व्यक्त की कि किसी भी तरह की देरी से देश में एक साल में रेल व्यवस्था चरमरा जाएगी और 3,100 मेगावाट बिजली उत्पादन में देरी होगी। इस्लामाबाद ने जिन पांच परियोजनाओं पर काम में तेजी लाने के लिए चीन से अनुरोध किया है, उनमें शामिल हैं – 10 बिलियन डॉलर की मेनलाइन- I रेलवे परियोजना, 1.2 बिलियन डॉलर की कराची सर्कुलर रेलवे परियोजना, 1.6 बिलियन डॉलर की आजाद पट्टन जलविद्युत परियोजना, 2.5 बिलियन डॉलर की कोहाला बिजली परियोजना और तीन अरब डॉलर की थार ब्लॉक वाली I कोयला परियोजना। यह जानकारी बैठक में मौजूद अधिकारियों ने दी। चीन से इस तरह से लोन लेने से पाकिस्तान की इकोनामी पूरी तरीके से क्रैश करने की कगार पर है हो सकता है आने वाले वक्त में चीन के कर्ज में दबकर पाकिस्तान में लोग रोटी के लिए भी तरस जाएं।