बीजिंग। दिल्ली में आज से जी-20 देशों का शिखर सम्मेलन हो रहा है। इस शिखर सम्मेलन से चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग ने दूरी बना ली है। उन्होंने जी-20 शिखर बैठक में खुद शामिल होने की जगह चीन के पीएम ली कियांग को दिल्ली भेजा है। जी-20 को मुद्दा बनाकर चीन ने एक बार फिर अमेरिका समेत पश्चिमी देशों को फटकार लगाई है और उनको रंग में भंग डालने वाला बताया है। जबकि, भारत की तारीफ की है। चीन के सरकारी अखबार द ग्लोबल टाइम्स में जी-20 शिखर बैठक से पहले छपे एक लेख में ये बातें कही गई हैं। ग्लोबल टाइम्स ने लेख में कहा है कि भारत पहली बार इतने बड़े पैमाने पर शिखर सम्मेलन कर रहा है। तैयारियों की तारीफ कर चीन के सरकारी अखबार ने लिखा है कि भारत जी-20 को बहुत महत्व दे रहा है और शिखर बैठक को सफलता से करना उसके कद को दुनिया में बढ़ाएगा।
भारत की तारीफ के बाद ही चीन के सरकारी अखबार ग्लोबल टाइम्स ने अमेरिका और पश्चिमी देशों पर जोरदार निशाना साधा है। ग्लोबल टाइम्स ने लेख में कहा है कि बाली में जी-20 शिखर सम्मेलन के बाद पश्चिमी देशों ने इस संगठन को तोड़ने की इच्छा जताई है। ग्लोबल टाइम्स ने लिखा है कि अमेरिका ने चीन से कहा कि वो रंग में भंग न डाले। यही बात चीन भी अमेरिका से साफ तौर पर कहना चाहता है। ग्लोबल टाइम्स ने लिखा है कि अमेरिका और पश्चिमी देश भारत के साथ खड़े होने का दावा करते हैं। जी-20 प्रमुख आर्थिक मंच है, लेकिन यहां भी वे अपना एजेंडा चलाते हैं। ग्लोबल टाइम्स ने लिखा है कि शायद जी-20 के इतिहास में पहली बार हो कि कोई संयुक्त बयान जारी न किया जाए।
बता दें कि भारत और चीन के बीच पुराना सीमा विवाद 2020 में गलवान घाटी की घटना के बाद और गंभीर हो गया है। एलएसी पर चीन और भारत की सेना आमने-सामने कई जगह मौजूद है। चीन से मुकाबले के लिए अमेरिका और पश्चिमी देश भारत को खूब हथियार दे रहे हैं। इसी वजह से चीन नाराज है। उसका कहना है कि एलएसी के विवाद को भारत और चीन मिलकर सुलझाएंगे और इसमें अमेरिका और अन्य देश जबरदस्ती टांग अड़ाते हैं। जबकि, हकीकत ये भी है कि चीन की तरफ से हाल ही में और भड़काऊ कदम के तहत नया नक्शा जारी किया गया है। इसमें भारत के पूर्वी लद्दाख स्थित अक्साई चिन और अरुणाचल प्रदेश को चीन का हिस्सा दिखाया गया है। नक्शे में जापान, मलेशिया समेत कई देशों के इलाकों को भी चीन ने अपना दिखाया है। इसी वजह से सिर्फ भारत ही नहीं, इन देशों ने भी चीन के नए नक्शे को मानने से साफ इनकार कर दिया है।