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China Supports Taliban: अफगानिस्तान पर चुप्पी साधे चीन का शातिराना खेल आया सामने, पाक की मदद से अब करना चाहता है ऐसा

बीजिंग। अफगानिस्तान में तालिबान के लगातार कब्जे पर चीन अब तक कुछ नहीं कह रहा था, लेकिन अब उसने तालिबान की सत्ता को आधिकारिक तौर पर मंजूरी दे दी है। इससे साफ है कि चीन अपने दोस्त पाकिस्तान के कहने पर चुपचाप अफगानिस्तान में अपनी शातिराना चाल चल रहा था। इसकी बड़ी वजह है। पाकिस्तान की मदद से चीन, अफगानिस्तान से अब बड़ा आर्थिक फायदा उठाना चाहता है। चीन के विदेश मंत्रालय की प्रवक्ता हुआ चुनयिंग ने कहा है कि अफगानिस्तान में तालिबान नई ताकत है। चुनयिंग ने ये भी कहा कि चीन अफगानिस्तान के लोगों के फैसले का स्वागत करता है। इस बयान से अफगानिस्तान में चीन की शातिराना चाल का खुलासा होता है। चीन कह रहा है कि वह तालिबान के सत्ता में आने की अफगान जनता के फैसले का स्वागत करता है। जबकि, अफगानिस्तान में कहीं से ये मांग नहीं उठी थी कि वहां दोबारा तालिबान सत्ता में बैठ जाए। काबुल, हेरात, कंधार और मजार-ए-शरीफ में तालिबान आतंकियों के पहुंचने पर कहीं किसी ने भी उनका स्वागत नहीं किया।

अमेरिका में 9/11 के हमले से पहले अफगानिस्तान ने तालिबान की क्रूरता का काफी नजारा देखा था। तब वहां शरिया कानून के नाम पर महिलाओं को कोड़े से पीटने और अनाप-शनाप आरोप लगाकर लोगों की हत्या करने का तालिबान का खूनी खेल जनता देख चुकी थी। तालिबान अब जब फिर काबुल और अन्य प्रांतों पर कब्जा करते हुए काबुल तक पहुंचा, तो हर जगह लोग शहरों और कस्बों को छोड़कर भागते दिखे।

अगर चीन के मुताबिक लोग तालिबान के समर्थक हैं, तो फिर वे पलायन आखिर क्यों कर रहे हैं ! तालिबान को चीन के समर्थन की मुख्य वजह पाकिस्तान है। पहले की ही तरह पाकिस्तान ने इस बार भी तालिबान को पूरा समर्थन और हथियार दिए हैं। ऐसी खबरें चर्चा में रही हैं कि पाकिस्तान के जरिए चीन अब अफगानिस्तान की खनिज संपदा पर पूरी तरह अधिकार करना चाहता है।

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