जागरेब। क्रोएशिया की महिला वैज्ञानिक बिएटा हलासी Beata Halassy ने ब्रेस्ट कैंसर से पीड़ित करोड़ों महिलाओं के इलाज का नया द्वार खोल दिया है। बिएटा हलासी को ब्रेस्ट कैंसर हो गया था। ब्रेस्ट कैंसर के इलाज के लिए क्रोएशिया की बिएटा हलासी ने खुद ही एक वायरस बनाया और इसे शरीर में इंजेक्ट किया। जागरेब यूनिवर्सिटी की मदद से अपने ब्रेस्ट कैंसर का इलाज बिएटा ने किया। इस इलाज से उनका ब्रेस्ट कैंसर ठीक हो गया। बिएटा हलासी के इस अभिनव इलाज से संबंधित शोध पत्र नेचर पत्रिका में प्रकाशित हुआ है।
बिएटा हलासी खुद वायरोलॉजिस्ट हैं। यानी वो वायरस के बारे में शोध करती हैं। क्रोएशिया की महिला वैज्ञानिक के मुताबिक 2020 में उन्होंने मैसेक्टमी कराई। तब पता चला कि तीसरी बार उनको ब्रेस्ट कैंसर हुआ है। इसके बाद बिएटा हलासी ने ऑन्कोलिक्टिक वायरोथेरेपी (ओवीटी) के बारे में रिसर्च किया। वहां उनको पता चला कि कैंसर से निपटने के लिए शरीर का इम्यून सिस्टम यानी प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने में वायरस भी मददगार हो सकते हैं। हालांकि, इस थेरेपी से शुरुआती कैंसर यानी मेटास्टैटिक मेलानोमा को ठीक करने की बात शोध में लिखी गई थी, लेकिन किसी भी देश की सरकार ने ब्रेस्ट कैंसर के इलाज के लिए ओवीटी को मंजूरी नहीं दी है। ऐसे में बिएटा हलासी ने अपने सहयोगी की मदद से खसरा के वायरस और स्टोमाटाइटिस वायरस को शरीर में इंजेक्ट कराया। इन दोनों ही वायरस से कोशिकाओं को नष्ट किया जा सकता है।
दो महीने तक लगातार उपरोक्त दोनों वायरस को बिएटा हलासी के शरीर में इंजेक्ट कराया गया। इसके आश्चर्यजनक नतीजे तब दिखे, जब ब्रेस्ट कैंसर का ट्यूमर सिकुड़ने लगा और मसल और खाल से अलग हो गया। जिसके बाद उसे आसानी से सर्जरी से निकाल लिया गया। जब उस ट्यूमर की बायोप्सी की गई, तो हलासी और उनके सहयोगी ने देखा कि उनका इलाज सफल रहा। हलासी इसे बहुत उपयोगी मानती हैं। वायरस के जरिए ब्रेस्ट कैंसर का इलाज करने के बाद अब 4 साल बीत चुके हैं, लेकिन क्रोएशिया की वैज्ञानिक को फिर कैंसर नहीं हुआ। बिएटा हलासी के खुद के कैंसर के इलाज की सफलता के बाद उम्मीद है कि दुनिया में इसे लेकर और शोध होंगे और सरकारें इस तरह कैंसर का इलाज करने की पद्धति को मंजूरी भी देंगी।