नई दिल्ली। आतंक को पनाह देकर भारत के खिलाफ रणनीति बनाने वाला पाकिस्तान इस अपने बुरे दौर से गुजर रहा है। एक और पाक में बढ़ती मंहगाई और उपर से उसपर बढ़ता कर्ज प्रधानमंत्री इमरान खान की मुश्किलें बढ़ा रहे हैं। हाल ही में पाकिस्तान के एक दूतावास के कर्मचारियों को तीन महीने से वेतन न मिलने का मामला सामने आया था जिसने पाकिस्तान की खस्ता हालत जाहिर कर दी थी। पाक की बदहाली का सच सामने लाता ये ट्वीट सर्बिया स्थित पाक दूतावास के आधिकारिक टि्वटर हैंडिल से किया गया था। इस ट्वीट को प्रधानमंत्री इमरान खान को टैग करते हुए किया गया था। इस ट्वीट में कहा गया था कि उन्हें तीन महीने से वेतन नहीं मिला है जिसके कारण उनके बच्चों को स्कूल से भी निकाल दिया गया है। हालांकि जब ये मामला सामने आया तो इसपर पर्दा डालने के लिए पाक विदेश मंत्रालय ने सफाई देते हुए कहा कि दूतावास का टि्वटर हैंडिल हैक हो गया था। भले ही हैकिंग का बहाना देकर मामले के दबाने कि कोशिश की गई लेकिन इससे एक बार फिर ये सामने आ गया कि पाकिस्तान इस वक्त अपने सबसे बूरे दौर से गुजर रहा है।
पूरे दक्षिण एशिया में सबसे परेशान पाक
एशियन डिवलपमेंट आउटलुक के आंकड़ों की मानें तो इस साल पाकिस्तान की महंगाई दर 8.9 प्रतिशत है जो कि इस क्षेत्र के आठ देशों के मुकाबले सबसे अधिक है। इस क्षेत्र में आने वाले भारत की महंगाई दर (5.5%), बांग्लादेश में (5.6%), भूटान की महंगाई दर (8.2%), अफगानिस्तान की महंगाई दर (5%), मालद्वीव में (2.5%), नेपाल (3.6%) और श्रीलंका में महंगाई दर 5.1% पर है। इस रिपोर्ट से ये साफ होता है कि अगले साल पाकिस्तान की महंगाई दर में गिरावट आ सकती है। लेकिन उस वक्त भी पाक पूरे दक्षिण एशिया क्षेत्र में सबसे ज्यादा महंगाई से त्रस्त देश होगा। इस अनुमाल के मुताबिक 2022 में पाकिस्तान की महंगाई दर 7.5 प्रतिशत रह सकती है। बाकी अन्य देशों की महंगाई दर पाक की तुलना में कम ही होगी।
इन चुनौतियों का सामना कर रहा पाक
पाकिस्तान बढ़ती महंगाई, खाली होते विदेशी मुद्रा भंडार, बढ़ते दबाव और पाकिस्तानी मुद्रा ‘रुपया’ की हालत भी पतली होती जा रही है। इस बीच बीते 24 नवंबर को प्रधानमंत्री इमरान खान ने ये कहा था कि उनके पास अब मुल्क को चलाने तक के लिए पैसे नहीं हैं। देश पर कर्ज का बोझ बढ़ता जा रहा है। पिछले दस साल में पाकिस्तान का कर्ज जो 6 हजार ट्रिलियन था अब वो बढ़कर 30 ट्रिलियन रुपए पर जा पहुंचा है।
पेट्रोल से महंगा हो गया दूध और चीनी
सरकारी आंकड़ों के मुताबिक, देश में एलपीजी गैस की कीमत 217 रुपये प्रति किलो है। घरेलू गैस सिलेंडर का दाम 2,560 पर बना हुआ है जबकि कॉमर्शियल सिलेंडर की कीमत 9,847 रुपये प्रति किलो हो गई है। बात पेट्रोल की करें तो इसकी कीमत 145.82 रूपए प्रति लीटर और डीजल के दाम 142.62 रुपये प्रति लीटर पर बने हुए हैं। बीते सितंबर महीने में मुहर्रम के समय कराची में दूध की कीमत 140 रुपये लीटर तक जा पहुंची थी जबकि उस वक्त पेट्रोल के दाम 113 रुपये प्रति लीटर पर बने हुए थे।