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Israel’s Attack In Seria: क्या इजरायल ने सीरिया में एयरस्ट्राइक के दौरान किया था मिनी परमाणु बम का इस्तेमाल, पड़ोसी देशों में बढते रेडिएशन से उठे सवाल

नई दिल्ली। इजरायली डिफेंस फोर्सेस ने सीरिया के तारतस में स्थित एक हथियार डिपो पर एयरस्ट्राइक की। इस हमले में स्कड मिसाइल फैसिलिटी को पूरी तरह तबाह कर दिया गया। विस्फोट इतना जबरदस्त था कि आसमान में आग और धुएं का विशाल मशरूम बादल बन गया। इस धमाके की तीव्रता इतनी अधिक थी कि इससे आसपास के इलाकों में दहशत फैल गई। विस्फोट के बाद 3 तीव्रता का भूकंप भी आया, जिसे 820 किलोमीटर दूर तुर्की के इजनिक तक महसूस किया गया।

रूसी मीडिया और विशेषज्ञों के दावे

रूसी मीडिया हाउस स्पुतनिक ने दावा किया कि यह हमला इजरायल के एक जंगी जहाज से नई मिसाइल तकनीक का उपयोग करके किया गया था। वहीं, कुछ विशेषज्ञों और स्थानीय लोगों का मानना है कि यहां अमेरिका द्वारा विकसित B61 न्यूक्लियर बम का इस्तेमाल किया गया, जो कम क्षमता का परमाणु बम है।


रेडिएशन का खतरा

हमले के करीब 20 घंटे बाद, यूरोपीय यूनियन के रेडियोएक्टिव एनवायरमेंटल मॉनिटरिंग नेटवर्क ने तुर्की और साइप्रस में रेडिएशन का स्तर बढ़ने की पुष्टि की है। रिपोर्ट्स के मुताबिक, तारतस से पश्चिम दिशा में चलने वाली हवा के जरिए यह रेडिएशन साइप्रस और दक्षिणी तुर्की तक पहुंच गया है।

क्या इजरायल के पास परमाणु हथियार हैं?

इजरायल ने कभी सार्वजनिक रूप से यह स्वीकार नहीं किया है कि उसके पास परमाणु हथियार हैं। लेकिन यह भी नहीं कहा कि उनके पास नहीं हैं। माना जाता है कि इजरायल के पास 90 से लेकर 400 तक परमाणु हथियार हो सकते हैं। ये हथियार फाइटर जेट्स, डॉल्फिन क्लास सबमरीन, या जेरिको मिसाइलों के जरिए दागे जा सकते हैं।


परमाणु हथियारों का इतिहास

माना जाता है कि 1991 तक इजरायल के पास 50 से 200 परमाणु हथियार थे। आज यह संख्या बढ़कर 300 से ज्यादा हो सकती है। विशेषज्ञों का कहना है कि इजरायल ने 1973 तक सूटकेस न्यूक्लियर बम जैसी तकनीक विकसित कर ली थी, जो एक छोटे ब्रीफकेस में ले जाई जा सकती है।

न्यूक्लियर तकनीक में इजरायल की ताकत

इजरायल के पास न्यूक्लियर इलेक्ट्रोमैग्नेटिक पल्स तकनीक, न्यूट्रॉन बम, और न्यूक्लियर लैंड माइंस जैसी उन्नत तकनीक मौजूद है। न्यूट्रॉन बम का रेडिएशन स्तर बहुत अधिक होता है, जो दूर तक असर कर सकता है।

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