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Foreign Ministry On Nawaz Sharif : नवाज शरीफ की लाहौर घोषणापत्र पर टिप्पणी के बाद विदेश मंत्रालय ने दी ये प्रतिक्रिया

नई दिल्ली। भारत के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने लाहौर घोषणापत्र पर नवाज शरीफ की टिप्पणियों पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा, आप इस मुद्दे पर हमारी स्थिति से अवगत हैं। हम देख रहे हैं कि पाकिस्तान में भी एक वास्तविक दृष्टिकोण का नजरिया उभर रहा है। आपको बता दें कि हाल ही में पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री नवाज शरीफ ने कारगिल वॉर का उल्लेख करते हुए स्वीकार किया था कि पाकिस्तान ने लाहौर घोषणापत्र का उल्लंघन किया है और यह उनकी गलती थी।

जेडीएस से निलंबित सांसद प्रज्वल रेवन्ना के राजनयिक पासपोर्ट मामले पर विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल का कहना है कि प्रज्वल रेवन्ना के राजनयिक पासपोर्ट को रद्द करने के लिए पासपोर्ट अधिनियम 1967 के प्रावधानों के तहत कार्रवाई शुरू कर दी गई है। प्रज्वल रेवन्ना को 23 मई को कारण बताओ नोटिस जारी किया गया था। उन्हें हमारे नोटिस का जवाब देने के लिए 10 कार्य दिवस दिए गए हैं। हम जवाब का इंतजार कर रहे हैं और नियमों के अनुसार आगे की कार्रवाई करेंगे।

बांग्लादेश के सांसद अनवारुल अजीम अनार हत्याकांड पर रणधीर जायसवाल का कहना है कि मामले की जांच चल रही है। दोनों देशों की कानून प्रवर्तन एजेंसियां समन्वय कर रही हैं और मामले में आवश्यक सूचनाओं का आदान-प्रदान किया जा रहा है। सरकार बांग्लादेश पक्ष को आवश्यक समर्थन दे रही है।

वहीं राफा की हालिया स्थिति पर जायसवाल ने कहा, राफा में विस्थापन शिविर में नागरिकों की हृदय विदारक मृत्यु गहरी चिंता का विषय है। हमने लगातार नागरिक आबादी की सुरक्षा और चल रहे संघर्ष में अंतर्राष्ट्रीय मानवीय कानून के सम्मान का आह्वान किया है। हम यह भी देखते हैं कि इजरायल ने पहले ही इसे एक दुखद दुर्घटना के रूप में स्वीकार कर लिया है और घटना की जांच की घोषणा की है।

दूसरी तरफ, बिश्केक के हालात पर विदेश मंत्रालय के ने कहा कि बिश्केक में स्थिति सामान्य बनी हुई है। दो सप्ताह पहले, दूसरे देशों के विदेशी छात्रों से जुड़ी कुछ घटनाएं घटीं, जिससे हमारे छात्र चिंतित थे। हमारे दूतावास ने तुरंत भारतीय छात्रों से उनकी सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए संपर्क किया। हमने उनकी सहायता के लिए 24X7 हेल्पलाइन खोलीं। उन्होंने अपनी भलाई सुनिश्चित करने के लिए स्थानीय अधिकारियों और विश्वविद्यालय प्रशासन के साथ भी मामला उठाया। हमारा दूतावास भारतीय छात्रों की सहायता के लिए प्रतिबद्ध है।

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