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Former Pentagon Official Slams Justin Trudeau: जस्टिन ट्रूडो को अमेरिकी रक्षा विभाग पेंटागन के पूर्व अफसर ने निज्जर मामले में घेरा, अपने विदेश मंत्री ब्लिंकेन पर भी साधा निशाना

खालिस्तानी आतंकी हरदीप सिंह निज्जर की हत्या के मामले में बिना सबूत भारत की एजेंसियों का हाथ बताने पर कनाडा के पीएम जस्टिन ट्रूडो अमेरिका में भी सवालों के घेरे में हैं। अमेरिकी में पेंटागन के एक पूर्व अधिकारी माइकल रुबिन ने ट्रूडो के साथ ही अमेरिका के विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकेन को भी घेरा है।

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वॉशिंगटन। खालिस्तानी आतंकी हरदीप सिंह निज्जर की हत्या के मामले में बिना सबूत भारत की एजेंसियों का हाथ बताने पर कनाडा के पीएम जस्टिन ट्रूडो अपने देश के साथ ही अमेरिका में भी सवालों के घेरे में हैं। अमेरिकी रक्षा विभाग पेंटागन के एक पूर्व अधिकारी माइकल रुबिन ने ट्रूडो के साथ ही अमेरिका के विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकेन को भी घेरा है। अमेरिकन एंटरप्राइज इंस्टीट्यूट में मौजूदा सीनियर फेलो रुबिन ने कहा कि कनाडा के पीएम जस्टिन ट्रूडो न बड़ी गलती की है। जिस तरह उन्होंने आरोप लगाया है, उसे वो साबित नहीं कर पाएंगे। पेंटागन के पूर्व अधिकारी माइकल रुबिन ने कहा कि ट्रूडो को बताना होगा कि उनकी सरकार हत्यारे आतंकी को पनाह क्यों दिए हुई थी।

माइकल रुबिन ने तंज कसते हुए कहा कि हरदीर सिंह निज्जर उसी तरह कनाडा में प्लंबर का काम नहीं करता था, जैसे ओसामा बिन लादेन कंस्ट्रक्शन इंजीनियर नहीं था। कई हमलों में वो शामिल रहा था। पेंटागन के पूर्व अधिकारी रुबिन ने अमेरिका के विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकेन के निज्जर मामले में बयान देने पर कहा कि ये दोहरापन है। अगर हम अंतरराष्ट्रीय आतंकवाद की बात करें, तो भारत पर अगर निज्जर की हत्या का आरोप है, तो अमेरिका ने भी ईरान के सैन्य अधिकारी कासिम सुलेमानी और ओसामा बिन लादेन के साथ ऐसा ही किया है। दरअसल, शुक्रवार को ब्लिंकेन ने कहा था कि निज्जर मामले में अमेरिका काफी चिंता में है और भारत को इस मसले की जांच के लिए कनाडा के साथ मिलकर काम करना चाहिए।

कनाडा में खालिस्तानी आतंकी हरदीप सिंह निज्जर की इस साल सर्रे शहर में जून में गोली मारकर हत्या कर दी थी। तीन महीने तक चुप्पी साधने के बाद कनाडा के पीएम जस्टिन ट्रूडो ने भारत की एजेंसियों का इसमें हाथ होने की आशंका जताने वाला बयान दिया। इसके बाद भारत के एक वरिष्ठ राजनयिक को भी कनाडा से निष्कासित कर दिया गया। भारत ने इसके जवाब में ट्रूडो सरकार पर सबूत न देने का पलटवार करते हुए उसके भी एक राजनयिक को निष्कासित किया। फिर भारत ने कनाडा के नागरिकों के लिए वीजा सुविधा भी अनिश्चतकाल के लिए बंद कर दी।

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