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अफगानिस्तान में आतंक मचा रहे तालिबानियों के समर्थन में खुलकर बोले इमरान खान, अमेरिका पर लगाया ये आरोप

नई दिल्ली। पाकिस्तान पर दुनिया के तमाम ताकतवर देशों की तरफ से आरोप लगते रहते हैं कि पाक अपनी सरजमीं को आतंकियों को पनाह देने के लिए इस्तेमाल करता है। हालांकि पाक पीएम इमरान खान पाकिस्तान को आतंक से पीड़ित बताने से कभी नहीं चूकते। ऐसे में अब इमरान खान ने अपने एक बयान में अफगानिस्तान में आतंक मचा रहे तालिबानी आतंकियों की खुलकर पैरवी की है। उन्होंने तालिबानी आतंकियों को आम लोग बताते हुए सारा आरोप अमेरिका पर डाल दिया। इमरान खान ने अपने एक साक्षात्कार में कहा कि, तालिबान किसी तरह का कोई सैन्य संगठन नहीं है बल्कि एक सामान्य नागरिक हैं। इमरान खान ने कहा कि, अमेरिका ने तालिबान को अफगानिस्तान में सही तरीके से नहीं संभाला ऐसे में सब कुछ गड़बड़ कर दिया। एक इंटरव्यू में इमरान खान ने कहा कि, 30 लाख अफगान शरणार्थी पाकिस्तान में हैं, जिनमें से ज्यादातर पश्तून हैं जो तालिबान लड़ाकों के समान जातीय समूह है।

एक रिपोर्ट का हवाला देते हुए जब इमरान से पूछा गया कि करीब 10 हजार पाकिस्तानी लड़ाकू सीमा पार कर तालिबान की मदद करने गए हैं? इसके जवाब में उन्होंने कहा, ‘अब वहां 500,000 लोगों के शिविर हैं, 100,000 लोगों के शिविर हैं। और तालिबान कोई सैन्य संगठन नहीं हैं, वे आम नागरिक हैं। अगर इन शिविरों में कुछ नागरिक हैं, तो पाकिस्तान इन लोगों का उत्पीड़न कैसे करेगा? आप उन्हें अभयारण्य कैसे कह सकते हैं?’

अक्सर पाकिस्तान पर आरोप लगते रहते हैं कि पाक तालिबान की मदद सुरक्षित ठिकानों में करता है। इस आरोप को लेकर इमरान खान ने कहा कि, “ये सुरक्षित ठिकाने कहां हैं? पाकिस्तान में 30 लाख शरणार्थी हैं जो तालिबान के समान जातीय समूह से ताल्लुक रखते हैं हैं।” उन्होंने कहा कि, गौर करने वाली बात ये है कि लंबे समय से पाकिस्तान पर तालिबान की सैन्य, आर्थिक और खुफिया जानकारी के साथ अफगानिस्तान सरकार के खिलाफ उनकी लड़ाई में मदद करने का आरोप लगाया जाता रहा है, लेकिन इमरान खान ने इन आरोपों को “बेहद अनुचित” करार दिया।

वहीं पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान ने अमेरिका के न्यूयॉर्क में 11 सितंबर, 2001 को हुए आतंकी हमले में पाक की किसी भी भूमिका से मना किया है। उन्होंने कहा कि, पाकिस्तान का इस हमले से कोई लेना-देना नहीं था।

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