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Ajab-Gazab News: इस देश में दांतों को काला करना समझा जाता है शान की बात, जानिए क्या है ये विचित्र-सी मान्यता?

Ajab-Gazab News: उस दौरान दांत काले रखना शान की बात मानी जाती थी। युवक-युवतियों के अतिरिक्त नवविवाहित औरतें भी इस प्रथा का पालन करती थीं। ये लोग चेहरों को ज्यादा सफेद कर लेते थे, जिससे काले दांत दूर से नजर आते थे।

नई दिल्ली। पूरी दुनिया में वहां के कल्चर, माहौल आदि के हिसाब से रीति-रिवाज और मान्यताएं हैं। आज के समय में बहुत सी परंपराएं खत्म हो चुकी हैं, तो कुछ आज भी जारी हैं। लोग इन्हें दशकों से मनाते चले आ रहे हैं। लेकिन इन परंपराओं और रीति-रिवाजों में कुछ ऐसी चीजें देखने को मिलती हैं, जो हैरान करती हैं। ऐसा ही एक रिवाज जापान में प्रचलित है, जिसमें लोग अपने दांतों को काला कर लिया करते थे। शहरीकरण के दौर में आज भले ही ये खत्म हो चुका है लेकिन कहीं न कहीं कुछ लोग आज भी इसका पालन करते हैं। ये प्रथा केवल जापान में ही नहीं, एशिया के कुछ अन्य देशों में भी प्रचलित थी, जिनमें जापान, चीन, थाईलैंड, फिलिपीन्स, वियतनाम, आदि प्रमुख रूप से शामिल थे। हालांकि, इसकी शुरुआत जापान से हुई। इस रिवाज को साल 794 से लेकर 1185 के बीच ‘हियान पीरियड’ का बताया जाता है। इसे ‘ओहागूरो मान्यता’ के नाम से जाना जाता था।

क्या है ये प्रथा?

दांतों को काला करने की इस विचित्र प्रथा को पहले यौवनावस्था की दहलीज पर खड़े युवक और युवतियां द्वारा मनाया जाता था। काले दांत इस बात के प्रतीक माने जाते थे कि लड़के लड़कियां जवान हो रहे हैं। इसे स्वास्थ्य से भी जोड़कर देखा जाता था। ऐसा माना जाता था कि ऐसा करने से दांतों में कीड़े नहीं लगते और न ही मसूड़े खराब होते हैं। इसके अलावा, उस दौरान दांत काले रखना शान की बात मानी जाती थी। युवक-युवतियों के अतिरिक्त नवविवाहित औरतें भी इस प्रथा का पालन करती थीं। ये लोग चेहरों को ज्यादा सफेद कर लेते थे, जिससे काले दांत दूर से नजर आते थे। प्राचीन काल में जापानी सभ्यता में दांतों को काला करना समझदारी और खूबसूरती की निशानी भी माना जाता था। इसी वजह से वहां के शाही परिवारों के लोग अपने दांतों को हमेशा काला करके रखते थे। इतना ही नहीं, अपने पर्वों त्योहारों यहां तक की अंतिम संस्कार जैसे मौकों पर भी लोग अपने दांतों को काला कर लेते थे। लगभग खत्म हो चुकी इस परंपरा को जापान के ‘गीशा’ जिले की महिलाएं कभी-कभी आज भी निभाती हैं।

कैसे बनाया जाता था दांत काले करने वाला पदार्थ?

दांतों को काला करने के लिए ‘कानेमीजू’ (Kanemizu) नाम के पदार्थ का इस्तेमाल किया जाता था। इसे लोहे की फिलिंग को सिरका, चाय, और चावल के वाइन में मिलाकर बनाया जाता है। इन पदार्थों के मिलने से ऑक्सीकरण होता है, जिसके बाद काले रंग का लिक्विड प्राप्त होता है।

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