नई दिल्ली। भारत ने कंधार में अपने कॉन्सुलेट को फिलहाल बंद करने का फैसला किया है। दरअसल, अमेरिकी सेना के अफगानिस्तान से विदा लेने बाद तालिबान ने अपने नियंत्रण वाले इलाके को बढ़ाने का ऐलान किया है। जिसके अलावा तालिबान ने शुक्रवार को ये दावा किया था कि उसने रूस के 85% इलाके को अपने नियंत्रण में ले लिया है। कंधार में तालिबान के बढ़ते इसी खतरे को देखते हुए भारत ने कंधार अपने कॉन्सुलेट को फिलहाल बंद करने का फैसला किया है।
एक रिपोर्ट की मानें तो कम से कम 50 राजनयिकों और इंडो-तिब्बत बॉर्डर पुलिस के सुरक्षाकर्मियों को भारतीय वायुसेना की विशेष फ्लाइट से दिल्ली वापस बुला लिया गया है। इस रिपोर्ट में सरकार के सूत्रों के हवाले से जानकारी देते हुए ये बताया गया है कि सरकार का ये कदम सुरक्षा के मद्देनजर उठाया गया है।
बता दें, ऐसा माना जा रहा था कि तालिबान कंधार को अपने कब्जे में लेने के लिए निशाने पर ले सकता है जो कभी उसका हेडक्वॉर्टर हुआ करता था। ऐसे में अफगान सेना और सुरक्षाबलों के साथ उसकी जंग तेज होने की आशंका जताई जा रही है। इसी खतरे को देखते हुए भारत सरकार की ओर से अपने कर्मियों पहले ही वापस बुलाने का फैसला किया।
आपको बता दें, फिलहाल काबुल में भारतीय दूतावास और बाल्ख प्रांत में मजार-ए-शरीफ पर कॉन्सुलेट खुले हुए हैं। अधिकारियों की मानें तो जैसे ही हालात पहले की तरह होंगे तो इन अधिकारियों को वापस भेज दिया जाएगा। इसके अलावा कुछ कर्मचारियों को काबुल के दूतावास पर भी भेजा जा सकता है।
अहम कस्बों पर तालिबान का कब्जा
इससे पहले अफगानिस्तान के स्थानीय अधिकारियों ने तालिबान के हत्थे चढ़े हिस्सों को लेकर बताते हुए कहा कि अफगानिस्तान और ईरान की सीमा पर व्यापार के लिहाज से अहम इस्लाम खाला कस्बा भी तालिबान के हत्थे चढ़ गया है। इसके अलावा तुर्कमेनिस्तान से लगे तोरघुंडी कस्बे को भी तालिबान अपने नियंत्रण में ले चुका है। तालिबान द्वारा नियंत्रण में लिए गए ये हिस्से हेरात प्रांत में आते हैं।