नई दिल्ली। विगत एक माह से चल रहा रूस-यूक्रेन युद्ध थमने का नाम नहीं ले रहा है। वैश्विक मंच पर तमाम कोशिशें युद्ध को विराम देने की दिशा में की जा चुकी है, लेकिन युद्ध समाप्ति की संभावना भी पैदा होती हुई नहीं दिख रही है। उधर, रूसी विदेश मंत्री सर्गेई लावरोव भारत दौरे पर आए हैं। रूस-यूक्रेन के बीच चल रहे युद्ध के दौरान रूसी विदेशी मंत्री का यह पहला भारत दौरा है। वहीं, अगर दोनों ही देशों के बीच चल रहे युद्ध को लेकर भारत के रूख की बात करें, तो भारत बिल्कुल तटस्थ है। भारत ने बिल्कुल भी खुलकर किसी का भी साथ नहीं दिया है, लेकिन कूटनीतिक जानकारों का मानना है कि भारत की खामोशी ही रूस का साथ है। हालांकि, विगत दिनों पीएम मोदी की तरफ से दोनों ही देशों के राष्ट्रध्यक्षों को फोन कर युद्ध को विराम देने की गुजारिश की जा चुकी थी। लेकिन दोनों ही देशों ने उस पर अमलीजामा पहनाना जरूरी नहीं समझा था। अब ऐसे में रूसी विदेश मंत्री ऐसे मौके पर भारत दौरे पर आए हैं, जब युद्ध को पूरे एक माह हो चुका है। बता दें कि भारत दौरे के दौरन रूसी विदेश मंत्री ने कई मसलों पर प्रकाश डाला है। जिसमें उन्होंने कई प्रमुख बिंदू पर प्रकाश डाला है।
India is important country.If India sees to play that role which provides resolution of problem…If India is with its position of just&rational approach to int’l problems,it can support such process:Russian Foreign Min on possibility of India becoming a mediator b/w Moscow-Kyiv pic.twitter.com/IywQ2tUN9c
— ANI (@ANI) April 1, 2022
रूसी विदेश मंत्री ने क्या कहा
बता दें कि रूसी विदेश मंत्री ने कहा कि अगर भारत चाहे तो रूस-यूक्रेन युद्ध को लेकर दोनों ही देशों के बीच मध्यस्थता कर चुका है। ध्यान रहे कि रूसी विदेश मंत्री का बयान ऐसे वक्त में सामने आया है, जब विगत दिनों पीएम मोदी की तरफ से दोनों ही देशों क फोन कर युद्ध को विराम देने का आग्रह किया गया था। रूसी विदेश मंत्री ने आगे अपने बयान में कहा कि भारत महत्वपूर्ण देश है। यदि भारत उस भूमिका को निभाना चाहता है जो समस्या का समाधान प्रदान करता है … यदि भारत अंतरराष्ट्रीय समस्याओं के लिए न्यायसंगत और तर्कसंगत दृष्टिकोण के साथ है, तो वह ऐसी प्रक्रिया का समर्थन कर सकता है।
#WATCH | Russian Foreign Min replies to ANI on how he sees India’s position in ongoing war,offer of oil supply to India, any confirmation on Rupee-Ruble payment&sanctions
“If India wants to buy anything from us, ready to discuss & reach mutually acceptable cooperation,” he says pic.twitter.com/41Qh1B3qBP
— ANI (@ANI) April 1, 2022
इसके अलावा रूसी विदेश मंत्री ने कहा कि, हम भारत को किसी भी सामान की आपूर्ति करने के लिए तैयार रहेंगे जो वो हमसे खरीदना चाहते हैं। रूस और भारत के बीच बहुत अच्छे संबंध हैं। बातचीत में उन संबंधों की विशेषता है जो हमने कई दशकों तक भारत के साथ विकसित किए हैं। संबंधों में रणनीतिक साझेदारी हैं… यह वह आधार था जिस पर हम सभी क्षेत्रों में अपने सहयोग को बढ़ावा दे रहे हैं। घड़ी मुझे कोई संदेह नहीं है कि कोई दबाव हमारी साझेदारी को प्रभावित नहीं करेगा … वे (अमेरिका) दूसरों को अपनी राजनीति का पालन करने के लिए मजबूर कर रहे हैं: रूसी विदेश मंत्री सर्गेई लावरोव से जब पूछा गया कि क्या भारत पर अमेरिकी दबाव भारत-रूस संबंधों को प्रभावित करेगा।
रूसी विदेश मंत्री ने आगे कहा कि, मेरा मानना है कि भारतीय विदेश नीतियों की विशेषता स्वतंत्रता और वास्तविक राष्ट्रीय वैध हितों पर ध्यान केंद्रित करना है। रूसी संघ में आधारित एक ही नीति और यह हमें बड़े देशों, अच्छे दोस्तों और वफादार भागीदारों के रूप में बनाती है। बातचीत उन संबंधों की विशेषता है जो हमने कई दशकों तक भारत के साथ विकसित किए हैं। संबंध रणनीतिक साझेदारी हैं…यही वह आधार था जिसके आधार पर हम सभी क्षेत्रों में अपने सहयोग को बढ़ावा दे रहे हैं। तो इस तरह से आप देख सकते हैं कि भारत दौरे पर आए रूसी विदेश मंत्री ने मुख्तलिफ मसलों को लेकर अपनी राय रखी है। और रूस-यूक्रेन के बीच चल रहे युद्ध के दौरान भारत को लेकर अपना रूख साफ कर दिया है। ऐसी स्थिति में रूसी विदेश मंत्री के भारत दौरे का युद्ध पर क्या कुछ असर पड़ता है। इस पर सभी की निगाहें टिकी रहेंगी।